Sunday, December 31, 2017-5:53 PM
जालंधर : प्रदूषण की समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए चीन के एक शहर शेन्ज़ेन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली बसों को इलैक्ट्रिक कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक कुल मिला कर 16,359 बसों को डीजल से चलने वाले इंजन की बजाए इलैक्ट्रिक पावरट्रेन के साथ जोड़ा गया है जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के साथ बसों को चलाने के लिए लगने वाले खर्च को भी कम किया जाएगा। वैसे देखा जाए तो एक शहर में 16000 से ज्यादा बसों को एक साथ डीजल से इलैक्ट्रिक पावर में बदलना आसान काम नहीं है लेकिन चीन ने इस अहम कदम को उठा कर एक नया रिकार्ड बना दिया है।
शहर में लगाए गए 8000 चार्जिंग पोल्स
इन बसों को शुरू करने से पहले शेन्ज़ेन में 510 चार्जिंग स्टेशन्स व 8000 चार्जिंग पोल्स लगाए गए हैं जो इन बसों को चार्ज करने के काम आएंगे। इन पोल्स से एक बस को 2 घंटों में फुल चार्ज किया जाएगा। इन इलैक्ट्रिक बसों की मदद से लगभग हर वर्ष 1.35 मिलीयन टन कार्बन डाइआक्साइड को हवा में फैलने से रोका जा सकेगा।
बिना आवाज के काम करती हैं यह बसें
यह बसें बिना आवाज के यानी साइलेंट तरीके से काम करती है। इन्हें शुरू करने में कुल मिला कर 490 मिलीयन डॉलर खर्च किए गए हैं लेकिन साफ हवा के लिए खर्च की गई इस कीमत को कम ही माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक शेन्ज़ेन में वर्ष 2020 तक सभी गैस से चलने वाली बसों को इलैक्ट्रिक करने की योजना है।