Friday, July 29, 2016-10:42 AM
जालंधर: प्रमुख कार विनिर्माता कंपनी टोयोटा ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी. टी.) का दरवाजा खटखटाते हुए कहा है कि देश भर में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का विचार ‘कंपनी को मृत्युदंड देने’ जैसा है क्योंकि इससे कंपनी के अस्तित्व पर ही आघात लगता है।
टोयोटा ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके द्वारा बनाए गए डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाना ‘अनुचित व अन्यायपूर्ण’ है क्योंकि वह सभी नियमों का पालन कर रही है और किसी भी तरह का प्रतिबंध उसकी बिक्री तथा ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े हजारों लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल असर डालेगा। टोयोटा की इस याचिका पर 2 अगस्त को सुनवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि 11 दिसम्बर 2015 को अधिकरण ने दिल्ली एन.सी.आर. में डीजल से चलने वाले नए वाहनों का पंजीकरण प्रतिबंधित कर दिया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी. आर.) में 2000 सी.सी. से अधिक इंजन क्षमता वाले डीजल चालित एस.यू.वी. व कारों का पंजीकरण नहीं होगा।