Tuesday, October 6, 2015-12:02 PM
जालंधर : अगर आप असली ब्रेन के बिना अध्ययन करके यह देखना चाहते हैं कि ब्रेन पर ड्रग्स (दवाइयां) और ट्रांसप्लांट का क्या असर होगा है तो आप आम तौर पर कुछ माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक की मदद से और खुद एक माॅडल बना सकते हैं। क्या यह सुविधाजनक या सस्ता है? बिल्कुल नहीं। अगर ब्राऊन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक सफल रहे तो हर लेब में नकली मस्तिष्क का सामान खुद बनाया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों ने एक तकनीक विकसित की है जो लघु मस्तिष्क द्वारा (वास्तव में, इलैक्ट्रिकली एक्टिव न्यूरॉन्स का एक बंडल) कोशिकाओं को निकालने के साथ सेंट्रीफ्यूज और सेल का बीज बोता है। यह कोई लाइव, सोचने वाला ब्रेन नहीं है लेकिन यह ब्रेन असली ब्रेन के इतना करीब है कि ट्रांसप्लांट और शोध में काम आ सकता है। आप इस क्षेत्र में और अधिक चिकित्सा सफलताओं को देख सकते है क्योंकि अधिक वैज्ञानिक दूसरों पर झुकाव के अलग स्वयं के सिद्धांतों को साबित करते हैं।