जियो और पुरानी टेलीकॉम कंपनियों के बीच तकरार, जानिए क्या है मामला

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Friday, August 12, 2016-10:34 AM

जालंधर: रिलायंस जियो और दूसरी पुरानी टेलीकॉम कंपनियों के बीच अब तक दबी जुबान में चल रही जंग या कहें तकरार अब सरेआम हो गई है। दूरसंचार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन सैल्युलर ऑप्रेटर्स एसोसिएशन ऑफ  इंडिया (सी.ओ.ए.आई.) ने जियो पर सीधा हमला बोलते हुए दूरसंचार सचिव जे.एस. दीपक को उसके खिलाफ चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि परीक्षण सेवा के नाम पर रिलायंस जियो ग्राहकों को पूरी सेवाएं दे रही है और दूसरी कंपनियों के ग्राहक काट रही है। 

 

इससे पहले रिलायंस जियो ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई थी कि दूरसंचार कंपनियां उसे पर्याप्त इंटरकनैक्ट बैंडविड्थ मुहैया नहीं करवा रही हैं। दूरसंचार कंपनियों ने इसी के जवाब में चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा है कि जियो नैटवर्क के कारण मौजूदा कंपनियों के नैटवर्क पर असर पड़ रहा है। 

 

सी.ओ.ए.आई. के महानिदेशक रंजन मैथ्यूज ने कहा, ‘‘हमने चिट्ठी में पूछा है कि यह हरकत नियमों के अनुकूल है या नहीं क्योंकि 15 लाख ग्राहक पहले ही हमारे नैटवर्कों को इस्तेमाल कर रहे हैं और परीक्षण की मियाद फिर बढ़ा दी गई है। ऐसे में हम सेवा प्रदाताओं के नैटवर्क पर असर पड़ रहा है।’’

 

ये उपभोक्ता देश में सामान्य औसत के मुकाबले लगभग 25.30 गुना अधिक डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि कंपनी फिलहाल मुफ्त में डाटा मुहैया कर रही है। बताते चलें कि जियो अभी तक परीक्षण ही कर रही है, लेकिन इसकी प्रतिस्पद्र्धी कंपनियों को अब शक हो रहा है कि जियो उनके ग्राहकों को हथियाने की कोशिश कर रही है। इसीलिए चिट्ठी में सी.ओ.ए.आई. ने लिखा है, ‘‘जियो परीक्षण सेवा नहीं दे रही है बल्कि इसकी आड़ में पूर्ण सेवा दे रही है। इस तरह कंपनी नियमों का उल्लंघन कर रही है।’’

 

जियो ने किया पलटवार

रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने प्रतिद्वंद्वी दूरसंचार कंपनियों के आरोपों का जवाब देते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को लिखे पत्र का मजमून जारी कर दिया। कंपनी ने स्वयं पर लगाए गए आरोपों को तुच्छ, आधारहीन और गलत बताते हुए कहा कि सैल्युलर ऑप्रेटर्स एसोसिएशन ऑफ  इंडिया (सी.ओ. ए.आई.) कुछ बड़ी कंपनियों के निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए यह दुष्प्रचार कर रहा है। सी.ओ.ए.आई. जानबूझ कर रिलायंस जियो ही नहीं बल्कि ट्राई के खिलाफ  भी दुष्प्रचार कर रहा है। 

 

कंपनी ने कहा कि उसका लक्ष्य 1 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंचना है और जब तक दूसरी कंपनियां जरूरी इंटरकनैक्शन बैंडविड्थ नहीं देती हैं तब तक कंपनी अपनी व्यावसायिक सेवाएं शुरू नहीं कर सकती। जियो ने साथ ही आरोप लगाया कि दूसरी दूरसंचार कंपनियां अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाकर दूसरे ऑप्रेटरों को उभरने नहीं दे रही हैं। कंपनी ने यह भी दलील दी कि कम इंटरकनैक्ट दरों से उपभोक्ताओं को फायदा होगा जबकि ऊंची दरों से कंपनियों को।


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