Monday, October 12, 2015-9:57 PM
जालंधर : वर्तमान समय में अगर आप पानी में जहरीले बैक्टीरिया की उपस्थिति की जांच करना चाहते हैं तो आपको पानी का नमूना प्रयोगशाला में लेकर जाना पड़ेगा और परिणाम के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा। जब तक प्रयोगशाला से परिणाम नहीं आ जाता तब तक यह कहना असंभव होगा कि आप पानी के लिए जिस स्रोत का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सुरक्षित है या नहीं, लेकिन स्टूडैंट्स के एक ग्रुप ने एक ऐसे सैंसर को विकसित किया है जो पानी में बैक्टीरिया को उसी समय डिटैक्ट कर लेगा।
टैक्नीकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क (डी.टी.यू.) में पढऩे वाले स्टूडैंट्स के एक ग्रुप ने एस.बी.टी. एक्वा कम्पनी के माध्यम से ऐसा सैंसर विकसित किया गया है जो पानी में बैक्टीरिया को तुरंत डिटैक्ट कर लेगा और यह सैंसर एक तकनीक का इस्तेमाल करता है जिसे इम्पेडेंस फ्लो क्य्टोमेट्री नाम से जाना जाता है। इसमें लिक्विड सैम्पल का प्रयोग किया गया है जो माइक्रोफ्लुइड्स चैनल पर काम करता है। इसमें इलैक्ट्रोड्स सीरीज का प्रयोग अलग-अलग वोल्टेज लैवल पर किया जाता है। जो भी बैक्टीरिया और अन्य कण इन इलैक्ट्रोड्स के साथ प्रवाह कर रहे होते हैं उनमें एकदम से बदलाव आ जाता है जिसका सैंसर द्वारा पता लगा लिया जाता है।
जलजनित कणों की तुलना में बैक्टीरिया में तेजी से बदलाव देखने को मिलता है इसलिए पानी के नमूने में वास्तविक समय में इन दोनों (जलजनित कण और बैक्टीरिया) में अंतर नोट हो जाता है। वास्तव में, इनमें बहुत से बदलाव एक समान हैं, एस.बी.टी. का दावा है कि यह टैक्नोलॉजी पानी में एक साथ सभी प्रकार के बैक्टीरिया को ढूंढ लेती है।
यह हाथ में पकडऩे वाले डिवाइस के रूप में प्रयोग किया जा सकता है जिस कारण इस तकनीक का इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर हो सकता है। इस सैंसर का प्रयोग मानव रहित पानी परीक्षण स्टेशनों पर किया जा सकता है। अगर कोई भी हानिकारण बैक्टीरिया इस डिवाइस और सैंसर द्वारा डिटैक्ट किया जाता है तो इसमें अलार्म बजने लगेगा। उम्मीद है कि यह सैंसर अगले वर्ष तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होगा।