Tuesday, August 8, 2017-5:02 PM
जालंधर : कई लोगों में यह जिज्ञासा बनी रहती है कि समुद्र अंदर से कैसा होगा और समुद्री जीव किस तरह अंदर रहते होंगे। इन्हीं बातों पर ध्यान देते हुए समुद्र के भीतरी हालातों का पता लगाने के लिए बीजिंग की रोबोटिक कम्पनी रोबोसी (RoboSea)) ने दुनिया का पहला हल्का व पोर्टेबल बायोनिक अंडरवाटर ड्रोन (worldÓs first bionic underwater drone) बनाया है जो समुद्र में 196 फीट की गहराई तक जा कर सभी तरह की गतिविधियों को 4के कैमरे से रिकार्ड करता है। खास बात यह है कि बिकी (BIKI) नामक यह ड्रोन रिमोटली काम करता है और सिग्नल देने पर रास्ते में आ रही सभी तरह की रुकावटों को दूर करते हुए आगे बढ़ता है, इसके अलावा यह अटोमैटिकली बेस स्टेशन तक पहुंच जाता है जहां से इसे लॉन्च किया गया था।
अन्य 4K ड्रोन्स के मुकाबले बेहद सस्ताः
आमतौर पर देखा जाए तो मार्केट में मौजूद 4के वीडियो को कैप्चर करने वाले ड्रोन्स की कीमत 50 हजार रुपए से शुरू होती है जो 2 से & लाख रुपए तक जाती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी यह पानी में चलने वाला ड्रोन 599 डॉलर (लगभग &8226 रुपए) कीमत में अगले महीने यानी सितंबर में उपलब्ध किया जाएगा।
ड्रोन में लगा है 4K कैमराः
इस बायोनिक अंडरवाटर ड्रोन में 4के कैमरा लगा है जो 150 डिग्री वाइड एंगल लेंस के साथ 4के अल्ट्रा एचडी वीडियो रिकार्ड करता है। इसमें &2जीबी इंटर्नल मैमरी दी गई है जिसकी मदद से 4000 एचडी तस्वीरों को कैप्चर किया जा सकता है।
अलग डिजाइनः
मछली की तरह डिजाइन किए गए इस ड्रोन में प्रोपैल्स दिए गए हैं जो मकैनिकल मूवमेंट से इस ड्रोन को दाए, बाए ऊपर नीचे टर्न करने का काम करते हैं। कैमरे को ड्रोन की आंखों में लगाया गया है इसके अलावा इसके मुंह के अंदर इंफ्रारेड सेंसर और पीछे की और टेल यानी पूंछ लगी है जो इसे आगे को धकेलने का काम करती है।
2,600mAh बैटरीः
ड्रोन में 2600 एमएएच की बैटरी लगी है जो एक बार फुल चार्ज करने पर 1.5 घंटों का बैकअप देती है यानी इसे एक बार चार्ज करने पर करीब 90 मिनटों तक उपयोग में लाया जा सकता है। इस बैटरी की मदद से यह ड्रोन 1.8 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड आसानी से पकडऩे में सक्षम है।
1200 ग्राम वजनी है ड्रोनः
इस 1200 ग्राम के ड्रोन को छोटा होने के साथ-साथ पोर्टेब्ल बनाया गया है ताकि इसे साथ लेकर जाने में यूजर को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो। रोबो सी कम्पनी के ओवरसीज़ मार्केटिंग स्पेशालिस्ट ऐमी यंग (Amy Zhang) ने कहा है कि पानी के नीचे का पता लगाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। पृथ्वी की सतह के तीन चौथाई हिस्से में समुद्री क्षेत्र है। लोग भूमि विकास पर काफी ध्यान देते हैं लेकिन कोई समुद्र को समझने के लिए तैयार नहीं है। समुद्र में काफी कुछ अभी पता लगाना बाकी है। हम इन ड्रोन्स की मदद से भविष्य में समुद्र में कई नए एरिओं का पता लगाएंगे जिससे समुद्र नए खुलासे हो सकेंगे।