Monday, November 20, 2017-6:39 PM
जालंधर : सुबह होते ही शहरों के अंदर स्कूली बसों के चलने से प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। यह बसें शहर के अंदरूनी हिस्सों में घूमती हैं जिससे बच्चों की सेहत पर भी काफी नुकसान पड़ता है। इसी बात पर ध्यान देते हुए अमरीकी वाहन निर्माता कम्पनी डेमलीर की डॉटर कम्पनी थॉमस बिल्ट बसिस ने स्कूली बच्चों के लिए एक ऐसी बस बनाई है जो सुविधापूर्वक तरीके से प्रदूषण किए बिना बच्चों को घर से स्कूल तक पहुंचाने में मदद करेगी। इस बस को पहली बार अमरीकी राज्य ओहियो में आयोजित नैशनल असोसिएशन ऑफ प्यूपिल ट्रांसपोर्टेशन ट्रेड में दिखाया गया है।
एक चार्ज में तय करेगी 160 किलोमीटर का सफर
इस इलैक्ट्रिक बस में 160-kWh की बैटरी लगी है जिसे फुल चार्ज कर 160 किलोमीटर तक का रास्ता तय किया जा सकता है। यानी एक बार चार्ज कर कई दिनों तक इस बस को लोकली चलाया जा सकता है। इस बस में लैपटॉप और सैलफोन को चार्ज करने के लिए 120 वोल्ट और USB चार्जिंग पोर्ट दिया गया है। इसकी निर्माता कम्पनी ने बताया है कि इसमें लगाई गई बैटरी के खत्म होने पर उसे चार्ज बैटरी के साथ बदल कर इसकी रेंज को और भी बढ़ाया जा सकता है।
एक बार में सफर करेंगे 81 स्कूली बच्चे
इस इलैक्ट्रिक बस से एक बार में ही 81 स्कूली बच्चों को घर से स्कूल तक पहुंचाया जा सकता है। आपको बता दें कि थॉमस बिल्ट बसिस सन 1916 से यैलो बसिस को बनाती आई है और अब यह कम्पनी उत्तरी अमरीका की स्कूल बसिस को बनाने वाली लीडिंग कम्पनी बन गई है। अब कम्पनी प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देख इलैक्ट्रिक वाहनों को भी बाजार में उतारने की तैयारी में है।
प्रदूषण पर नियंत्रण पाने की जरूरत
वाहनों में डीजल के ज्यादा तापमान पर जलने से नाइटरोजन ऑक्साइड गैस पैदा होती है जो वातावरण में हवा में मौजूद पार्टिकल्स के साथ घुलने के बाद जहरीली गैस बन जाती है जिसे स्मोग कहा जाता है। इस स्मोग को आप आज कल दिल्ली व अन्य इलाकों में देख सकते हैं। इस प्रदूषण से कई तरह की श्वसन समस्याएं, स्ट्रोक, हृदय रोग और कैंसर आदि हो रहा है। इसी लिए समय रहते वाहन निर्माता कम्पनियों को डीजल से चलने वाले बड़े वाहनों की बजाए इलैक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। ताकि कुछ हद तक तो प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।