Saturday, October 14, 2017-2:26 PM
जालंधर- आपराधिक मामलों में सच का पता लगाने के लिए अामतौर पर पॉलीग्राफ टेस्ट का सहारा लिया जाता है, लेकिन इस टैस्ट का प्रयोग ज्यादातर बड़े आपराधिक मामलों में ही किया जाता है। वहीं अब वैज्ञानिकों ने एक एेसी विधि की खोज की है जिससे अासानी से झूठ का पता लगाया जा सकता है।
Utah की कंपनी Converus के वैज्ञानिकों ने टेस्ट के लिए एक ऐसा कैमरा बनाया जो आंखों की पुतलियों को रीड कर बता देगा कि वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है या नहीं।
Converus के चीफ साइंटिस्ट जॉन किरचेर का कहना है, 'अगर किसी व्यक्ति पर मेंटल लोड होता है, तो उसकी पुतलियां फैल जाती है।' ऐसे में इस तकनीक के इस्तेमाल से सैकेंड्स में झूट सामने आ जाएगा।
कैसे करता है काम
इस कैमरे के जरिए इंसान की आंखों की पुतलियो की गतिविधियों और बदलते आकार को समझा जा सकेगा। इसे ट्रेक करने के लिए हाई-रेजोल्यूशन इंफ्रारेड कैमरे का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक को EyeDetect का नाम दिया गया है।