Thursday, September 14, 2017-1:17 PM
जालंधर : भारत में स्मार्टफोन यूजर्स के बढ़ने से मालवेयर अटैक भी बढ़ते जा रहे हैं। यूजर के स्मार्टफोन से पैसों को चुराने वाला Xafecopy Trojan नामक मालवेयर भारत में तेजी से फैल रहा है। रशिया की साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्काई के एक्सपर्ट्स ने एक रिपोर्ट जारी कर इस मालवेयर के भारत में 40 प्रतिशत तक फैलने का दावा किया है। रिपोर्ट में लिखा है कि यह मालवेयर WAP बिलिंग पेमैंट को टार्गेट कर रहा है और यूजर के मोबाइल अकाऊंट से पैसों की चोरी कर रहा है।
इस तरह स्मार्टफोन में पहुंच रहा है यह मालवेयर
Xafecopy Trojan नामक यह मालवेयर सबसे ज्यादा उपयोग में लाई जाने वाली एप बैटरी मास्टर के जरिए स्मार्टफोन्स तक पहुंच रहा है। इस एप्प को इंस्टाल करने के बाद यह एप मलीशियस कोड को स्मार्टफोन में लोड कर देती है और जैसे ही आप एप को एक्टीवेट करते हैं तो Xafecopy मालवेयर वायरलैस एप्लीकेशन प्रोटोकोल (WAP) की मदद से एक वैब पेज को ओपन करता है जिसमें यूजर का मोबाइल बिल शो होने लगता है और यूजर को पेमैंट करने के लिए कहा जाता है। रिपोर्ट में तो यह भी कहा गया है कि इस मालवेयर से यूजर के फोन नम्बर पर साइलैन्टली कई तरह की सर्विसेज भी एक्टीवेट हो रही हैं।
47 देशों में 4,800 यूजर्स इस मालवेयर से हैं प्रभावित
इस मालवेयर से एक महीने में अब तक 47 देशों में 4,800 यूजर्स प्रभावित हो गए हैं। कैस्परस्काई ने जानकारी दी है कि अब तक रशिया, तुर्की और मैक्सिको के बाद भारत में 37.5 प्रतिशत अटैक्स को कैस्परस्काई लैब प्रोडक्ट्स ने डिटैक्ट कर उन्हें ब्लॉक किया है। कैस्परस्काई लैब्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस साइबर क्राइम को एक गैंग चला रहा है और वह इन कोड्स को कई अन्य रास्तों से भी फैलाने की कोशिश में है।
मॉडीफिकेशन के बाद और भी खतरनाक हो गया है यह मालवेयर
कैस्परस्काई लैब के सीनियर मालवेयर एनालिस्ट रोमन उनूचक ने कहा है कि इस मालवेयर पर की गई रिसर्च में जानकारी मिली है कि WAP बिलिंग अटैक्स में काफी वृद्धि हो रही है। Xafecopy नाम का यह मालवेयर उन देशों को टार्गेट कर रहा है जहां पेमैंट करने में WAP तकनीक का काफी उपयोग किया जाता है। इस मालवेयर की ट्रैकिंग करने के बाद पता चला है कि अब तक इस पर कई तरह के मॉडीफिकेशन किए जा चुके हैं जिनकी मदद से अब यह फोन से अन्य मोबाइल नम्बर्स पर टैक्स्ट भेज सकता है और आपके बैंक द्वारा पैसे चोरी होने के अलर्ट के मैसेज आने पर उसे डिलीट भी कर सकता है।
इस अटैक से बचने की दी गईं हिदायतें
इस मालवेयर को लेकर साऊथ एशिया के कैस्परस्काई लैब के मैनेजिंग डायरैक्टर अल्ताफ हल्दे ने कहा है कि एंड्रॉयड यूजर्स को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वे कौन सी जरूरत के लिए कैसी एप्स का उपयोग कर रहे हैं और इन्हें डाऊनलोड करने में सावधानी बरतनी चाहिए। सबसे बेहतर रहेगा अगर आप थर्ड पार्टी एप्स का उपयोग न करें यानी प्ले स्टोर की जगह किसी अन्य स्टोर से एप्स को इंस्टाल न करें। इसके अलावा प्ले स्टोर से भी एप्स डाऊनलोड करने के बाद उसे एप्स वैरीफाई यूटिलिटी सॉफ्टवेयर से स्कैन कर लें। इसके अलावा एंड्रॉयड यूजर्स को मोबाइल सिक्योरटी सूट को डाऊनलोड कर उपयोग में लाना चाहिए तभी आप इस तरह के मालवेयर से अपने स्मार्टफोन या अन्य डिवाइसिस को बचा सकते हैं।