यूजर के स्मार्टफोन्स पर नजर बनाए हुए 90 प्रतिशत एंड्रॉयड एप्स: रिपोर्ट

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Friday, October 26, 2018-3:13 PM

गैजेट डेस्क- यूजर की परमिशन के बिना उनका डाटा इकट्ठा करने के लिए कई कंपनियां पहले ही जांच के घेरे में हैं। वहीं नई रिपोर्ट में पता चला है कि आपके फोन में जितने भी मुफ्त एंड्रॉयड एप्स हैं, उनमें लगभग 88 प्रतिशत आपके निजी डाटा में सेंधमारी कर रहे हैं। इस डाटा को टारगेटेड ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग और रेवेन्यू के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि ये एप्स थर्ड पार्टी Google और दूसरे सोशल मीडिया एप्स के साथ यूजर डाटा को शेयर भी कर रहे हैं। 

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रिसर्च में सामने अाए अांकड़े

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में कहा गया है कि प्ले स्टोर पर उपलब्ध 9.59 लाख एप्स पर अध्ययन किया गया है। इनमें 10 प्रतिशत एप्स एक साथ 20-20 कंपनियों के साथ यूजर डाटा साझा कर रहे हैं और 90 प्रतिशत एप्स, गूगल की पेरेंट कंपनी एल्फाबेट के मालिकाना हक वाली कंपनियों के साथ यूजर का डाटा शेयर करते हैं।

ऐसी जानकारियां होती हैं शामिल

बताया जा रहा है कि शेयर किए जा रहे डाटा में यूजर की आयु, फोन टाइप, लोकेशन, जेंडर और कई दूसरी जानकारियां शामिल रहती हैं, जिन्हें ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।  इससे खरीददारी में बढ़ावा और आखिरकार कंपनी के रेवेन्यू में बढ़ोत्तरी होती है।

PunjabKesariगूगल का बयान

इस खबर के बाद गूगल ने कहा है, 'रिसर्च में हमारे सामान्य फंक्शन्स को गलत तरीके से दिखाया गया और रिसर्च करने वाले लोगों को गलतफहमी हुई है। डाटा सिक्यॉरिटी को लेकर हमारी नीतियां बेहद स्पष्ट हैं। इनमें किसी भी डिवेलपर और थर्ड पार्टी ऐप द्वारा डेटा हैंडल के लिए गाइडलाइन्स हैं। किसी भी ऐप द्वारा इनका उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई होगी।'

PunjabKesariरिसर्चर्स का बयान 

वहीं रिसर्च को लीड करने वाले रुबेन बिन्स ने कहा, हमने ये नहीं कहा है कि जितने भी एप यूजर डाटा का इस्तेमाल करते हैं, वे सभी डाटा का मिसयूज कर रहे हैं। लेकिन डाटा कलेक्ट किया जा रहा है और इसे थर्ड पार्ट के साथ साझा भी किया जा रहा है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। एेसे में यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।


Edited by:Jeevan

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