Monday, October 16, 2017-10:50 AM
तुम्हारा इंतजार करते अाँखें पत्थरा गई हमारी
अाना तो एक तरफ नींद भी न खुली तुम्हारी
दीदारें यार और बहारों की तमन्ना की थी
मगर फिजाअों ने दामन थाम लिया
बरसों से एक झलक भी न देखी उसकी
जिसका खुदा के बाद नाम लिया
पलट के अाया हूं मौत के मुँह से
तेरी अावाज सुन कर
साथ ले जाने अपना बर्बाद अाशियां
जो दिया था अश्कों से बुनकर
बहारें रूठ गईं तो क्या
फिजाएं तो अपने पास है