दिवालिया होने के कगार पर पहुंची वीडियोकॉन कंपनी

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Tuesday, May 8, 2018-5:35 AM

नई दिल्ली: आई.सी.आई.सी.आई. बैंक का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में सबसे बड़ा जो खुलासा हुआ है वह काफी हैरान करने वाला है क्योंकि इस मामले से जुड़ी कम्पनी वीडियोकॉन दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुकी है। इसके लिए बैंकों की ओर से कदम भी उठा लिया गया है। 

जानकारों की मानें तो वीडियोकॉन पर करीब 13,000 करोड़ रुपए का बकाया है। इतनी बड़ी रकम की रिकवरी के लिए बैंकों द्वारा यह बड़ी कार्रवाई की गई है। जानकारी अनुसार बैंकों ने नैशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (एन.सी.एल.टी.) में केस फाइल करने के लिए 4 क्लस्टर्स बनाए हैं। इन क्लस्टर्स को ऑप्रेशनल केस के लिए बनाया गया है। 

मुम्बई की अदालत में होगी सुनवाई
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार वीडियोकॉन ग्रुप की कम्पनियों के खिलाफ कई बैंकों ने रिट दाखिल की हैं। इसकी सुनवाई मुम्बई की दिवालिया कोर्ट में होने की संभावना है। वैसे बैंकों की याचिका को मंजूरी नहीं मिली है लेकिन वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि उनकी बातों को कोर्ट जरूर सुनेगा। बैंकों द्वारा इस मामले में 4 अंतरिम रैज्यूलेशन प्रपेशनल्स की भी नियुक्ति की गई है जिसमें सिंघी एडवाइजर्स के दिव्येश देसाई, पी.डब्ल्यू.सी. इंडिया के महेंद्र खंडेलवाल और कॉस्ट अकाऊंटैंट दुष्यंत दवे शामिल हैं। ये तीनों वीडियोकॉन के एक कलस्टर की जिम्मेदारी को संभालेंगे। हर क्लस्टर में ग्रुप की 3 सबसिडियरी कम्पनियों को शामिल किया गया है। वहीं एक क्लस्टर में 4 कम्पनियां शामिल हैं। 

इन कम्पनियों के खिलाफ हुई रिट
वीडियोकॉन ग्रुप की कई कम्पनियों के खिलाफ  याचिका दाखिल की गई है। इन कम्पनियों में सैंचुरी एप्लायंसेज, वैल्यू इंडस्ट्रीज, ट्रेंड इलैक्ट्रॉनिक्स, स्काई एप्लायंसेज और पी.ई. इलैक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। वीडियोकॉन ग्रुप की विदेशी यूनिट्स के पास ऑयल एंड गैस ब्लॉक्स में हिस्सेदारी है। बैंक इस पर अपना दावा करने की कोशिश कर सकते हैं। वीडियोकॉन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत ने एस.बी.आई. पर आरोप लगाया था कि एस.बी.आई. ने छोटे बदलाव का बहाना कर मूल याचिका में कई बदलाव किए हैं। धूत ने इस आधार पर एस.बी.आई. की ऑरीजिनल एप्लीकेशन को गलत बताते हुए मामला खारिज करने की दलील दी थी।


Edited by:Pardeep

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