Wednesday, May 18, 2016-10:09 AM
नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कम्पनी मारुति सुजूकी की सेलेरियो और ईको, हुंडई की ईऑन, महिंद्रा की स्काॅर्पियो और रेनॉ की क्विड यात्रियों के सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं।
वैश्विक स्तर पर वाहनों के सुरक्षा मानकों का आकलन करने वाले कार्यक्रम ग्लोबल न्यू कार असैस्मैंट प्रोग्राम (एन.सी.ए.पी.) के मुताबिक क्रैश टैस्ट में ये पांचों कारें विफल रही हैं। क्विड के 3 संस्करणों की जांच की गई, जिनमें एक एयरबैग वाला संस्करण भी शामिल है। प्रत्येक जांच में सुरक्षा के लिहाज से इन सभी कारों की रेटिंग जीरो रखी गई है।
क्या कहना है एन.सी.ए.पी. का
ग्लोबल एन.सी.ए.पी. के महासचिव डेविड वार्ड ने जारी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘भारत के लिए सुरक्षित कारों के आंकलन के परिणाम बताते हैं कि टक्कर के दौरान वाहन के शैल का संतुलित रहना कितना जरूरी है। सुरक्षा के लिहाज से कारों की फिटमैंट और उनमें कम से कम एक एयरबैग का होना बहुत जरूरी है लेकिन, यह हमारे लिए चौंकाने वाली बात रही कि रेनॉ ने इन मानकों के विपरीत क्विड को लॉन्च किया है।’’
2014 में भी भारतीय कारों को मिली थी जीरो रेटिंग
जनवरी 2014 में भी ग्लोबल एन.सी.ए.पी. के क्रैश टैस्ट में शामिल सभी भारतीय कारों को जीरो रेटिंग मिली थी। उस समय मारुति सुजूकी की ऑल्टो 800, टाटा नैनो, फोर्ड फिएगो, हुंडई आई10 तथा फॉक्सवैगन की पोलो को इस टैस्ट में शामिल किया गया था।