फ्री बेसिक्स इंटरनैट का बचाव कर रहे फेसबुक के सीईओ

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Monday, December 28, 2015-7:56 PM

नई दिल्ली : फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कम्पनी की विवादास्पद फ्री बेसिक्स इंटरनैट सेवा का आज एक बार फिर बचाव करते हुए कहा कि यह पहल नैट निरपेक्षता की रक्षा करती है। जुकरबर्ग ने फ्री बेसिक्स को व्यक्तिगत स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एक वीडियो जारी किया है। इसके अलावा उन्होंने एक प्रमुख अखबार में व्यक्तिगत अपील भी लिखी है।

फेसबुक की प्रस्तावित फ्री बेसिक्स योजना में उपयोक्ता, शिक्षा, हेल्थकेयर व रोजगार जैसी सेवाएं अपने मोबाइल फोन पर उस एप्प के जरिए नि:शुल्क (बिना किसी डेटा योजना के) हासिल कर सकते हैं जोकि इस प्लेटफार्म के लिए विशेष रूप से बनाया गया है। इसका अर्थ है कि फ्री बेसिक्स में उपयोक्ता कुछ वैबसाइटें नि:शुल्क खोल सकते हैं लेकिन इसके साथ ही यह पहल यूट्यूब, जी-मेल, गूगल या ट्वीटर आदि बाकी वैबसाइटों की अनुमति नहीं देती।

आलोचकों ने कम्पनी की इस पहल को नैट निरपेक्षता के सिद्धांत का कथित उल्लंघन बताया है। वीडियो पोस्ट में जुकरबर्ग ने कहा है, ‘हमारा मानना है कि कनैक्टिविटी एक मानवाधिकार है और दुनिया के लिए कनैक्टिविटी हासिल करना हमारी पीढ़ी के लिए बुनियादी चुनौतियां। लोग जब कनैक्टेड होंगे तो हम कुछ बहुत अच्छी चीजें कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा हे कि कनैक्टिविटी कुछ धनी और सक्षम लोगों का विशेषाधिकार नहीं बना रह सकता है और इसे एेसा होना चाहिए कि सभी इसका फायदा उठाएं और यह सभी के लिए अवसर हो।

वहीं एक दैनिक में अपने आलेख में जुकरबर्ग ने फ्री बेसिक्स की तुलना एक पुस्तकालय से की है जिसमें हेल्थकेयर व शिक्षा सहित कुछ ही विषय की किताबें हैं। इसमें उन्होंने लिखा है, ‘सभी उन सूचनाआें व टूल्स तक पहुंचने की योग्यता रखते हैं जो कि उन्हें उन अन्य सार्वजनिक सेवाआें तक पहुंचने में मददगार हो सकते हैं। हर कोई फ्री बेसिक्स इंटरनैट सेवाआें का फायदा उठाने की योग्यता रखता है।’

उल्लेखनीय है कि दूरसंचार नियामक ट्राई ने रिलांयस कयुनिकोशंस से इस सेवा (फ्री बेसिक्स) को अस्थाई तौर पर स्थगित रखने को कहा है। रिलायंस कयुनिकेशंस भारत में फेसबुक की फ्री बेसिक्स पहल की भागीदार है।