Tuesday, April 26, 2016-1:28 PM
जालंधर : पैट्रन लाॅक के बाद अब बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट स्कैनर) तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है लेकिन यह भी सुरक्षित नहीं है। वैज्ञानिकों का एक ग्रुप खोपड़ी की अंदरूनी हरकतों का इस्तेमाल पासवर्ड के रूप में करना चाहते हैं। वैज्ञानिकों ने गूगल ग्लास का मोडिफाइड वर्जन बनाया है जिसका इस्तेमाल ध्वनि उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। इस आवाज को इंसान नहीं लेकिन डिवाइस का माइक्रोफोन सुन सकता है।
हड्डी के आयोजन स्पीकर के माध्यम से उत्पन्न होने वाली यह ध्वनि ऑडियो हस्ताक्षर के रूप में जनरेट होगी। स्टुटगार्ट विश्वविद्यालय, सारलैंड विश्वविद्यालय और इंफॉरमैटिक मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा की गई जांच में परीक्षण उपकरण 97% उपयोगकर्ता की पहचान सही ढंग से करने में सक्षम रहा।
शोधकर्ताओं का मकसद ऐसा सिस्टम बनाना था जो किसी दूसरे द्वारा हाथ लगाने पर लाॅक हो जाए लेकिन एक सुझाव पासवर्ड की इस नई विधि का भी था जो डिजिटल सुरक्षा के लिए यह एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।