किसी भी डिवाइस को ‘3D टच’ में बदल सकता है यह सॉफ्टवेयर

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Saturday, May 28, 2016-10:06 AM

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्त्ताओं ने बनाया फोर्सफोन, मूवी से मिली प्रेरणा और बना दिया सॉफ्टवेयर

जालंधर : आईफोन 6S में एक बेहद ही खास फीचर है और वो है इस डिवाइस में दी गई फोर्स टच जिसे एप्पल ने 3D टच का नाम दिया है लेकिन यह फीचर केवल आईफोन 6S और 6S प्लस में ही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह फीचर अन्य (लगभग सभी) स्मार्टफोन्स में भी हो सकता है! जी हां, आईफोन 6S में दिया गया 3D टच फीचर लगभग सभी स्मार्टफोन्स में हो सकता है और इसके लिए धन्यवाद करना बनता है यूनिवर्सिटी  ऑफ मिशिगन के शोधकर्त्ताओं का। 

सॉफ्टवेयर का खेल

यह फीचर केवल टचस्क्रीन में दिए गए सैंसरों की मदद से ही काम नहीं करता बल्कि अल्ट्रासाऊंड की मदद से भी काम कर सकता है। यूनिवर्सिटी  ऑफ मिशिगन के शोधकर्त्ताओं ने फोर्सफोन नामक सॉफ्टवेयर बनाया है जिसकी मदद से स्मार्टफोन की स्क्रीन 3D टच जैसे काम कर सकती है। कोई व्यक्ति इतनी धीमी आवाज को सुन न पाए लेकिन फोन के स्पीकर 18-24 किलोहर्ट्ज रेंज की ध्वनि को डिवाइस में लगे माइक्रोफोन तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।

जब यूजर स्क्रीन और फोन को दबाता है तो ध्वनि में बदलाव आता है और सॉफ्टवेयर इसे डिटैक्ट करता है। डिस्प्ले और फोन को दबाने पर निकलने वाली आवाज इतनी हल्की होती है कि इसका आपको पता भी नहीं चलेगा, बस इसे फोन का माइक्रोफोन ही डिटैक्ट कर पाएगा जिससे कोई परेशानी भी नहीं होगी। 

मूवी से मिला आइडिया

आपको ‘द डार्क नाइट’ में दिखाए गए उस दृश्य के बारे में शायद पता हो जब बैटमैन जोकर को ढूंढने के लिए सभी फोन्स को एक सोनार लोकेटर में बदल देता है। कांग शिन और उनके विद्यार्थी यु-चिह तुंग (Yu-Chih Tung) को बैटमैन मूवी से ही प्रेरणा मिली है। 

नहीं है स्पैशल स्क्रीन की जरूरत

यूनिवर्सिटी में इलैक्ट्रानिक इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमैंट के प्रोफैसर कांग शिन (Kang Shin) के मुताबिक इसके लिए किसी स्पैशल स्क्रीन और बिल्ट-इन सैंसरों की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। उनके मुताबिक फोर्सफोन से फोन और यूजर के बीच ‘बातचीत’ बढ़ जाती है।

जैस्चर कंट्रोल

जोर से फोन को दबाने पर यह होम स्क्रीन पर ले जाएगा और खास जैस्चर के जरिए आपातकालीन नम्बर पर भी कॉल लगा सकता है। इसके अलावा कई प्रकार के प्रैशर को भी डिटैक्ट करेगा। यह आईफोन 6एस में दिए गए सैंसरों की तरह पूरे विस्तार से काम नहीं करता लेकिन लेकिन यह जैस्चर का सही में जवाब दे सकता है।

आम इस्तेमाल के लिए नहीं है फोर्सफोन

फिलहाल यह साफ्टवेयर आम लोगों के इस्तेमाल के लिए नहीं है और इस पर काम चल रहा है। इसके आविष्कारक 27 से 29 जून को सिंगापुर में होने वाले MobiSys 2016 में फोर्सफोन का डैमो पेश करेंगे। 

हार्डवेयर में बदलाव की जरूरत नहीं

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के स्टूडैंट यु-चिह तुंग ने कहा है कि हमने महंगे और बड़े सैंसरों को स्मार्टफोन्स में इंस्टाल करने की समस्या को दूर कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा साऊंड आधारित उपाय इस समस्या को दूर करता है जिसके लिए हार्डवेयर मोडिफिकेशन (बदलाव) की जरूरत भी नहीं पड़ती।  


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