Wednesday, June 1, 2016-8:57 AM
जालंधर : स्पेस एक्सप्लोरेशन टैक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन जिसे ‘स्पेस एक्स’ के नाम से भी जाना जाता है, अब एक नया कमाल करने वाली है। जानकारी के मुताबिक स्पेस एक्स एक नए मिशन पर काम कर रही है जिसके तहत मार्स (मंगल अथवा लाल ग्रह) पर मानव को भेजने और वापस लाने की तैयारी चल रही है।
ड्रैगन 2 का होगा प्रयोग
वर्ष 2012 में ड्रैगन 2 का प्रयोग इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन (आई.एस.एस.) तक पहुंचने के लिए किया गया था और अब मानव के मार्स पर जाने के लिए ड्रैगन 2 कैप्सूल का प्रयोग किया जाएगा। अब ड्रैगन 2 को फाल्कन 9 रॉकेट के साथ अटैच करके मानव के कदम मार्स पर रखने की तैयारी हो रही है।
फाल्कन 9 रॉकेट के बारे में भी जानें
यह कम्पनी का एक ऐसा प्रोजैक्ट है जिसके तहत रॉकेट को सही सलामत लैंङ्क्षडग करवाने की कोशिश की गई थी और कम्पनी ने पिछले साल दिसम्बर में इस सफलता को प्राप्त किया है जिसमें कम्पनी ने एक फाल्कन 9 रॉकेट को पहली बार सुरक्षित लैंड करवाया था।
आई.एस.एस. से बहुत दूर है मार्स
गौर करने वाली बात है कि आई.एस.एस. से मार्स की दूरी बहुत ज्यादा है। धरती से मार्स की दूरी औसतन 14 करोड़ मील है और इसीलिए फाल्कन हैवी रॉकेट का प्रयोग किया जाएगा। इसमें 3 फाल्कन रॉकेट होंगे जिनका पेलोड 30,000 एल.बी.एस. होगा। इसकी मदद से मार्स पर पहुंचना काफी आसान होगा, हालांकि इसकी लैंडिंग कराना कोई आसान काम नहीं होगा।
मार्स का वातावरण धरती के वातावरण से 1,000 गुना पतला है इसलिए साधारण पैराशूट की मदद से वहां सेफ लैंङ्क्षडग करवाना मुमकिन नहीं है। मार्स का वातावरण ऐसा है कि यह रॉकेट को बेहद गर्म कर देगा, इसीलिए ड्रैगन 2 में हीट शील्ड (गर्म होने से बचाने के लिए सुरक्षा कवच) का प्रयोग किया जाएगा। ड्रैगन 23,000 डिग्री तक के ताप को आसानी से झेल लेगा।
ड्रैगन 2 को सुरक्षित लैंड करवाया जाएगा
ड्रैगन 2 में सुपर ड्रैको थ्रस्टर का प्रयोग किया जाएगा जिसमें 2 इंजन लगे होंगे और प्रत्येक इंजन 60 हजार पाऊंड का थ्रस्ट पैदा करेगा। मार्स पर सुरक्षित लैंड करवाने के लिए इन्हीं इंजनों की मदद ली जाएगी।
2 साल करना होगा इंतजार
स्पेस एक्स जल्द से जल्द मार्स मिशन के लिए तैयार होना चाहता है और टैक इंसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक कम्पनी 2018 तक मार्स पर जाने की तैयारी कर लेगी।