Tuesday, March 1, 2016-1:55 PM
जालंधरः यह बात तो हम सब जानते ही हैं कि सोलर सेल्स को सीधी सूरज की रौशनी की ज़रूरत होती है। यहां तक की घरों के अंदर भी इसको बनावटी रोशनी की तरह प्रयोग किया जा सकता है। ब्रिटिश के रिसर्चरों ने इस तरह का विधि खोज लिया है। जिससे बहुत आसानी के साथ ऊर्जा को इकट्ठा करने की विधि को ढूँढ लिया गया है और इस में सीधे तौर पर सूरज की रौशनी की ज़रूरत नहीं होती।
इस में ग्राफिन बेसड मैटीरियल होता है जिस में इलैक्ट्रोमैगनैटिक वेवज़ एनर्जी को सोखने वाले पदार्थ का काम करती हैं। सही ऐंटीने का प्रयोग कर न सिर्फ़ सूरज की रौशनी बल्कि माईक्रोवेवज़ और रेजीयो वेवज़ के साथ भी ऊर्जा पैदा की जा सकती है।
इस में चुनौती यह है कि इस तरह के ऐंटीने इकठ्ठा किए जाएं जो इलैकट्रोमैगनीज़म को सही तरीको साथ इलैक्ट्रीसिटी में बदल सके। रिसर्चर अजय अपने शुरुआती दौर में है और इस टैकनॉलॉजी के विकसित होने साथ ऊर्जा निर्माण में एक बड़ा बदलाव आऐगा।