Sunday, June 26, 2016-12:30 PM
जालंधर: वैज्ञानिकों ने नासा के अंतरिक्षयान में प्रयुक्त ग्रहीय संरक्षण तकनीक का उपयोग करते हुए स्तन की नलिका में पाए जाने वाले माइक्रोबायोम और स्तन कैंसर के बीच संबंध का पता लगाया है। इस अनुसंधान में भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक भी शामिल था।
अमरीका स्थित नासा की जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला के पराग वैशपायन ने कहा, ‘‘हम लोगों ने पहली बार इन ग्रहीय संरक्षण तकनीकों का उपयोग स्तन की नलिका में मौजूद द्रव के सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में किया है।’’ अनुसंधान में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की नलिका में मौजूद द्रव में पाए जाने वाले जीवाणु और आम महिलाओं के स्तन की नलिका में मौजूद द्रव में पाये जाने वाले जीवाणु में अंतर पाया गया।
अनुसंधानकर्ताओं ने इससे पहले स्तन के उत्तक में जीवाणु के अस्तित्व का पता लगाया था। इस नए अध्ययन से पहली बार स्तन की नलिका के माइक्रोबायोम और स्तन कैंसर के बीच का संबंध स्थापित हुआ है। इस अध्ययन का प्रकाशन साइंटिफिक रिपोट्र्स जर्नल में हुआ है।