एफ. बी. आई. के लिए मुसीबत बना यह हैकर

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Monday, March 7, 2016-11:06 AM

जालंधर: हम्ज़ा बंडिलाड नाम शायद आपके लिए नया हो सकता है लेकिन आपको यह जान कर शायद यकीन ही नहीं होगा कि इस शख्स ने इंटरपोल और ऐफ. बी. आई. को 3 वर्षो तक लगातार चक्करों में डाले रखा। आपको बता दें कि हम्ज़ा एक अल्जीरियन हैकर है और अपने कोड नेम बी. ऐकस.1 से जाना जाता है। इस शख्स ने एक कंप्यूटर वायरस का निर्माण किया जिसका नाम (सकाई आई) रखा गया। यह वायरस इसकी तरफ से अपने रूसी साथी एलिकजेंडर ऐंड्रीविच पैनन, जो ग्रिबोडमोन नाम से मशहूर है के साथ मिल कर बनाया गया। 

इस वायरस के साथ हम्ज़ा ने 2 करोड़ डालर (लगभग 1अरब 33 करोड़ रुपए) चोरी किए और इस काम को करने के लिए उन्होंने अमेरिका और यूरोप की फाइनेंशियल इंस्टीच्यूट को चुना। सकाई आई वायरस ने करोड़ों की संख्या में कम्प्यूटर्स को शिकार बनाया, इनमें सब से ज्यादा संख्या अमरीका (यूनाइटिड स्टेट) की है। हम्ज़ा का यह वायरस बनाने का मकसद वायरस के साथ-साथ इनफैकटिड कंप्यूटरों में से बैंकिंग फाइलें को हैक करने के साथ-साथ इजरायली सरकार की वैबसाईट को हैक करना भी था। 

गिरफ्तारी से पहले हम्ज़ा ऐफ. बी. आई. की टॉप 10 मोस्ट वांटेड की लिस्ट में भी रह चुके है। हम्ज़ा की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह 6 जनवरी 2013 को मलेशिया से इजिप्ट जा रहा था और रासते में थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में रुका हुआ था तब हम्ज़ा को ग्रिफतार किया गया तो वह बुहत ही आराम से मुस्कुराते हुए पुलिस के साथ चल पड़ा, जिसके बाद हम्ज़ा को एक नया नाम हैकर समाईलिंग भी मिला। ग्रिफतार होने से 3 महीने के बाद मई 2013 में इसको अमेरिका के हवाले कर दिया गया और दोषी पाए जाने पर 30 साल की सख्त सजा के साथ-साथ 4 मिलियन डालर का जुर्माना भी किया गया। अफवाह है कि हम्ज़ा को फांसी दे दी गई है लेकिन इसे सिर्फ अल्जीरियाई नेटवरक पर नौजवान हैकरों में मौत की सजा का डर पैदा करने के लिए किया गया है।