1.5 करोड़ भारतीयों के स्मार्टफोन पर हुआ मैलवेयर अटैक, चोरी हो सकती हैं बैंक डिटेल्स

  • 1.5 करोड़ भारतीयों के स्मार्टफोन पर हुआ मैलवेयर अटैक, चोरी हो सकती हैं बैंक डिटेल्स
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Thursday, July 11, 2019-6:19 PM

गैजेट डैस्क : अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। भारत के 1.5 करोड़ एंड्रॉयड यूजर्स पर Agent Smith मैलवेयर ने अटैक कर दिया है। इस मैलवेयर के जरिए अटैकर्स फ्रॉड वाले विज्ञापन यूजर्स को दिखा रहे हैं वहीं बैंकिंग से जुड़ी जानकारियां भी चोरी हो सकती हैं। 

 

  • इस मैलवेयर का सबसे पहले पता सिक्योरिटी फर्म Check Point द्वारा लगाया गया। उन्होंने बताया कि यह मैलवेयर एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठा कर स्मार्टफोन में मौजूद एप्स को उसी की तरह दिखने वाली खतरनाक एप्स के साथ रिप्लेस कर देता है। इसने भारत के 1.5 करोड़ और पूरी दुनिया के 2.5 करोड़ यूजर्स को प्रभावित कर दिया है। 
  • Check Point के मोबाइल थ्रेड डिटेक्शन रिसर्च के हैड जोनाथन शिमोनोविच ने कहा है कि ये मैलवेयर चुपके से यूजर्स द्वारा इंस्टॉल की गई एप्स पर अटैक करता है। Agent Smith मैलवेयर सबसे पहले थर्ड पार्टी एप स्टोर 9Apps से डाउनलोड होना शुरू हुआ और धीरे-धीरे इसने हिंदी, अरेबिक, रशियन और इंडोशियन यूजर्स को अपना शिकार बनाया।

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व्हाट्सएप और फ्लिपकार्ट जैसी एप्स को बनाया जा रहा टार्गेट

चैक प्वाइंट के मुताबिक यह मैलवेयर डिवाइस में मौजूद पापुलर एप्स जैसे कि व्हाट्सएप, ओपेरा मिनी और फ्लिपकार्ट के कोड्स को बदल रहा है और उन्हें अपडेट होने से रोक रहा है। 

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इस तरह की एप्स में छिपा है यह मैलवेयर

इस मैलवेयर को फोटो यूटिलिटी एप्स, गेम्स और सैक्स रिलेटिड एप्स में पाया गया है। इन एप्स को डाउनलोड करने के बाद एक नई “Google Updater” एप इंस्टाल हो जाती है जो एप्स के कोड्स को रिप्लेस कर देती है। 

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इन देशों के एंड्रॉयड यूजर्स पर हुआ अटैक

चैक प्वाइंट सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि एजेंट स्मिथ मैलवेयर मुख्य तौर पर भारतीयों को अपना शिकार बना रहा है। हालांकि दूसरे देश जैसे पाकिस्तान और बंगलादेश भी इससे प्रभावित हैं। इसके अलावा ये मैलवेयर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के एंड्रॉयड डिवाइस को भी टार्गेट करता है।

  • सिक्योरिटी फर्म ने साफ करते हुए कहा है कि गूगल के साथ चैक प्वाइंट ने मिल कर काम किया है जिसके बाद प्ले स्टोर पर ऐसा कोई खतरनाक एप नहीं पाई गई है। यह मैलवेयर थर्ड पार्टी एप स्टोर से फैला है और इसलिए यूजर को सावधानी बरतते हुए प्ले स्टोर से बाहर उपलब्ध एप्स पर भरेसा नहीं करना चाहिए। 

Edited by:Hitesh

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