Thursday, December 28, 2017-6:07 PM
जालंधर : आईफोन के स्लो काम करने पर एप्पल यूजर्स ने कम्पनी के विरुद्ध मुकदमों की झड़ी लगा दी है। पूरी दुनिया से अब तक एप्पल पर कम से कम 9 मुकदमे दायर किए गए हैं जिनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यूजर्स ने कम्पनी पर आरोप लगाया है कि एप्पल ने कम बैटरी बैकअप मिलने की समस्या से निजात दिलाने के लिए बैटरी को नहीं बदला बल्कि नए iOS 10.2.1 सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए आईफोन्स को ही स्लो कर दिया है जोकि गलत है। इसे कम्पनी की सोची समझी साजिश माना जा रहा है जिस वजह से दुनिया भर में एप्पल पर मुकदमे दायर किए जा रहे हैं।
एप्पल पर हुआ 760 करोड़ का मुकदमा
इजरायल के दो लोगों ने आईफोन की स्पीड स्लो होने को लेकर एप्पल पर 120 मिलीयन डॉलर (लगभग 760 करोड़) का मुकदमा दायर किया है। इजरायल के न्यूजपेपर हारतेज (Haaretz) में छपे एक आर्टिकल के मुताबिक अपने मूल कर्तव्यों का उल्लंघन करते हुए एप्पल ने यूजर्स के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट जारी किया जिसका असर उनके फोन पर पड़ा जिससे फोन की क्षमता बिगड़ गई और वैब सर्फिंग, इमेल और अन्य एप्लिकेशन चलाने में दिक्कत आने लगी। यह मुकदमे कैलिफ़ोर्निया, न्यूयॉर्क और इलिनोइस के अमरीकी जिला न्यायालयों में दर्ज किए गए हैं। वहीं लॉस एंजिल्स-क्षेत्र के निवासियों द्वारा 3 केस दर्ज किए गए हैं जिनमें कहा गया है कि एप्पल यूजर्स के साथ बिक्री को बढ़ाने के लिए धोखाधड़ी कर रहा है।
इन आईफोन मॉडल्स की स्लो हुई स्पीड
आईफोन से यूजर्स को मिल रही स्लो स्पीड की रिपोर्ट को सबसे पहले रेडिट पर देखा गया था। जिसके बाद यह बात नोटिस में आई और यह पोस्ट वायरल हो गई। पूरी दुनिया से आईफोन 6, आईफोन 6s, आईफोन SE और आईफोन 7 के यूजर्स को स्लो स्पीड से जूझना पड़ रहा है।
बिक्री बढ़ाने के लिए एप्पल ने खेला ये दाव
एप्पल द्वारा आईफोन का बैकअप बढ़ाने के लिए बैटरी बदलने की सलाह देने की बजाए एप्पल ने iOS के नए अपडेट से आईफोन के प्रोसैसर की स्पीड को स्लो कर दिया जिससे बैटरी थोड़ी देर और चलने लगी लेकिन आईफोन की परफोर्मेंस में कमी आ गई। शायद एप्पल अब बैटरी बदलने के फायदे भूल गई है जिस वजह से उसने पूरी दुनिया से शिकायते आने पर बैटरी उपलब्ध नहीं करवाई। एप्पल ने आईफोन की स्पीड को ही स्लो कर दिया ताकि यूजर्स पुराने आईफोन को खराब समझ कर आईफोन का नया मॉडल खरीदें जिससे कम्पनी की बिक्री में वृद्धि हो। लेकिन अब एप्पल अपने बनाए हुए जाल में खुद फंसती जा रही है जिस वजह से कम्पनी किसी भी तरह की कोई स्टेटमेंट नहीं दे रही है।