सरकार इंटरनेट पर विज्ञापनों में कितना खर्च करती है, जानें मिथ और सच्चाई

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Saturday, February 2, 2019-5:03 PM

गैजेट डेस्क- आज किसी भी ऑर्गनाइजेशन द्वारा प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को प्रमोट करने के लिए विज्ञापन ही एकमात्र जरिया हैं। सरकार भी अपनी नीतियों और योजनाओं के प्रचार के लिए विज्ञापनों पर भारी-भरकम खर्चा करती है। सरकार की विज्ञापन नीतियों के प्रमुख जानकार अभिलाष जिंदल ने जिंदल हाउस में हुई एक मीटिंग में कई रिपोर्ट्स के आधार पर बताया कि वर्तमान एनडीए सरकार ने सिर्फ विज्ञापनों और प्रचार पर 4,343 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, वहीं डिजिटल विज्ञापनों पर किया गया खर्च इस पूरी राशि का महज 1 प्रतिशत है। जानते हैं सरकारी विज्ञापनों के बारे में सच्चाई और मिथ के बारे में...

- मिथ
सरकार ने इंटरनेट पर विज्ञापनों पर बहुत ज्यादा खर्च किया है।
- सच
स्टडी के अनुसार, सरकार द्वारा इंटरनेट विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि कुल विज्ञापनों पर किए गए खर्च के 1 प्रतिशत से भी कम है। 

- मिथ
कोई भी वेबसाइट सरकार से विज्ञापन हासिल कर सकती है।
- सच
वेबसाइटों को विज्ञापन हासिल करने के लिए सरकार के अलग-अगल विभागों के पैनल में जगह पानी होती है।

- मिथ
एक बार पैनल में शामिल हो जाने के बाद वेबसाइटों को अपने आप विज्ञापन मिलने लगते हैं।
- सच
पैनल में शामिल किया जाना इस बात की गारंटी नहीं है कि वेबसाइटों को विज्ञापन मिलेंगे। इसके लिए वेबसाइटों को क्लाइंट से बातचीत करनी होगी।

- मिथ
सरकारी सेल टीम को हायर करने से वेबसाइट का ऐड शेयर बढ़ सकता है।
- सच
सरकार इंटरनेट पर कॉरपोरेट सेल्स की तुलना में विज्ञापनों पर कम खर्च करती है, इसलिए फ्रीलान्स एक्सपर्ट की सर्विस लेना वेबसाइटों के लिए बेहतर है। 

- मिथ
कॉरपोरेट सेलिंग की तरह वेबसाइट की पोस्ट पर ज्यादा क्लिक मिलने पर वेबसाइट को सरकारी विज्ञापन मिल सकते हैं।
- सच
विज्ञापन देने के पीछे सरकार का उद्देश्य अपनी नीतियों और योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देना होता है। उसका मकसद यूजर्स को वेबसाइट पर विजिट के लिए विज्ञापन देना नहीं है।

- मिथ
एनडीए सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया के तहत सभी सरकारी विभाग इंटरनेट पर विज्ञापन देते हैं।
- सच
ऐसे सरकारी विभाग बहुत कम हैं जो इंटरनेट पर विज्ञापन देते हैं। वैसे, इसे लेकर होने वाले कॉन्फ्रेंसों और मीटिंगों से इंटरनेट पर विज्ञापन देने वाले विभागों की संख्या कुछ बढ़ी है।
 


Edited by:Jeevan

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