Sunday, September 10, 2017-4:42 PM
जालंधर- अामतौर पर यह देखा जाता है कि लोगो को इंटरनेट की टेक्निकल भाषा समझने में परेशानी होती है। जिससे यूजर्स के काम-काज पर काफी प्रभाव पड़ता है। इस पोस्ट में कुछ ऐसे ही काम आने वाले और इंटरनेट जगत में जरुरी शब्दो का विवरण किया है| इससे आपको इंटरनेट और उसकी दुनिया को समझने में मदद मिलेगी|
ISP
ISP को इंटरनेट सेवा प्रोवाइडर के रुप में भी जाना जाता है, जो आपको इंटरनेट को पाने में मदद करता है। आम तौर पर, ISP एक ऐसा संगठन है जो आपको मासिक शुल्क के आधार पर इंटरनेट कनेक्शन देता है।
LAN
लैन को लोकल एरिया नेटवर्क भी कहते हैं। यह एक कंप्यूटर नेटवर्क होता है जो सीमित क्षेत्र जैसे कि रेसिडेंस, स्कूल और लोकल एरिया के बीच कंप्यूटर्स को इंटरकनेक्ट करता है।
WAN
वैन को वाइड एरिया नेटवर्क के रुप में जाना जाता है। यह भी एक कंप्यूटर नेटवर्क है। यह शहरों, राज्यों और देशों जैसे बड़े भौगोलिक दूरी पर फैला हुआ है।
IP Address
इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस को ही IP एड्रेस कहा जाता है। IP एड्रेस की मदद से आप एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डाटा भेज सकते हैं। साथ ही किसी भी डिवाइस के लोकेशन का पता लगा सकते हैं।
IPv4 and IPv6
IPv4 इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन 4 के लिए है, जबकि IPv6 6th संशोधन और IPv4 का सक्सेसर है। IPv4 में एक एड्रेस का साइज 32 बीट्स होता है, वहीं, IPv6 का एड्रेस फील्ड 128 बीट्स हैं।
URL
यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेट को URL नाम से जाना जाता है। यह इंटरनेट पेज और फाइल्स के वेब ब्राउजर एड्रेस होते हैं।
Router
राउटर एक ऐसा डिवाइस है जो आपके ISP से आपके घर पहुंचने वाले संकेतों के लिए यातायात पुलिस की तरह काम करता है। यह डिवाइस हमारे सिस्टम को हैकर्स से बचाता है।
HTTP और HTTPS
हायपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल का संक्षिप्त रुप है HTTP, जो वेब पेजेज का डाटा संचार मानक है। दूसरी ओर, HTTPS या 'हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर' एक वेबपेज है जो एन्क्रिप्शन की खास लेयर के साथ आपकी व्यक्तिगत जानकारी और पासवर्ड को दूसरों तक पहुंचने में रोकता है।
NAT
NAT को नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन के नाम से जाना जाता है। यह प्रासंगिक डिवाइसों के माध्यम से आने वाले उन रिक्वेस्टस का ट्रांसलेशन करता है जो रुटिंग सर्वर में आते हैं।
VPN
VPN को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क कहा जाता है। यह यूजर को इंटरनेट के माध्यम से एक साथ अलग-अलग LAN से कनेक्ट करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें गोपनीयता भी रखी जाती है। इसका इस्तेमाल रिमोट सिस्टम से कनेक्ट करने के लिए भी किया जाता है।