Tuesday, September 26, 2017-5:04 PM
जालंधर- अमरीका में जैक्सन स्कूल ऑफ जियोसाइंस के बी टी कार्डेनास और उनके सहकर्मियों ने मंगल ग्रह संबंधी एक नई जानकारी का खुलासा किया है। इस नए अध्ययन से यह पता चला है कि प्राचीन मंगल पर तरल पानी था।
शोधकर्ताओं ने बताया कि मंगल ग्रह पर फैले नदियों के अवशेषों के अध्ययन के अनुसार, लगभग साढ़े तीन अरब साल पहले लाल ग्रह की सतह का पर्यावरण तरल जल के अनुकूल था। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने कहा कि मंगल के एयोलिस डोरसा नामक क्षेत्र में कुछ बेहद सघन तरीके से जमा नदी अवशेष हैं।
उन्होंने कहा कि इन जमावों को उपग्रही तस्वीरों से देखा जा सकता है क्योंकि यहां 'टोपोग्राफिक इनवर्जन' नामक एक प्रक्रिया हुई है, जिसके तहत नदी में जमाव हो जाने से सतह पर टीलानुमा आकृतियां बनी हुई हैं।
बता दें कि शोधकर्ताओं ने हाई रिजोल्यूशन वाली तस्वीरों और स्थलाकृति संबंधी आंकड़ों की मदद से मंगल ग्रह संबंधी यह जानकारी हासिल की है।