Saturday, April 7, 2018-3:02 PM
जालंधर- टीबी की बीमारी से दुनियाभर में हर साल सैकड़ो लोग अपनी जान गंवाते है। हालांकि वर्तमान समय में चिकित्सा प्रणाली ने इस बीमारी की रोकथाम करने में काफी सफलता हासिल कर ली है, लेकिन फिर भी इस बीमारी के देर से पता लगने के कारण मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी मामले में वैज्ञानिकों ने एक नए तरह के ब्लड टेस्ट का पता लगाया है जिसके जरिए अधिक जोखिम वाले रोगियों में ‘टीबी’ की शुरुआत होने से दो साल पहले ही उस बारे में सटीक पता लगाया जा सकता है। इससे डॉक्टरो को इलाज करने में मदद मिलेगी।
दक्षिण अफ्रीका के स्टेलेनबोश विश्वविद्यालय के गेरहर्ड वालजल ने बताया कि उन्होंने पाया कि रोग शुरू होने से पहले का यह अनुमान रक्त में मौजूद चार जीन के संयोजन की माप के जरिए संभव है। अध्ययन दल में शामिल लोगों ने एक नए तरह का ब्लड टेस्ट ईजाद किया है जो उन चार जीन के स्तर को मापता है जो अधिक जोखिम वाले रोगियों में टीबी के विकास का अनुमान लगाता है।
बता दें कि अमरीकी जर्नल ऑफ रेस्पीरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसीन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक एक्टिव टीबी से ग्रसित लोगों में यह रोग विकसित होने की सबसे अधिक आशंका होती है,फिर भी टीबी से संक्रमित करीब पांच से 20 फीसदी लोगों में ही यह विकसित होता है।