भारतीय इंजीनियरों ने बनाया सस्ता, हल्का और पोर्टेबल MRI scanner

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Thursday, June 7, 2018-7:47 PM

जालंधर- टाटा ट्रस्ट के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड सोशल इंटरप्रेन्युअर्शिप (एफआईएसई) ने एक ऐसी एमआरआई मशीन बनायी है जो सस्ती, हल्की और पोर्टेबल है। इससे एमआरआई की औसत लागत आधी हो जायेगी तथा एमआरआई स्कैनिंग भी तीन-चार गुणा तेज हो जायेगी। ट्रस्ट ने एक बताया कि यह देश में बनाया गया पहला हाईटेक पोर्टेबल एमआरआई स्कैनर है। ट्रस्ट की एक अधिकारी ने बताया कि अभी एमआरआई के लिए मरीज को आठ से 10 हजार रुपए खर्चने पड़ते हैं। इस मशीन के आने के बाद इसकी लागत आधी रह जायेगी। साथ ही यह पोर्टेबल है। इसे किसी वाहन पर फिट कर कहीं भी ले जा सकते हैं। इससे देश के दूरदराज के या आपदाग्रस्त इलाकों में भी एमआरआई की सुविधा मिल सकेगी। यह वजन में हल्का है तथा कम बिजली की खपत करता है। इस एमआरआई स्कैनर का निर्माण एफआईएसई के इनक्यूबेशन केंद्र की कंपनी वोक्सेलग्रिड्स के इंजीनियरों ने किया है। इसके विकास में दो साल का समय लगा।

 

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इस होल बॉडी एमआरआई स्कैनर में 1.5 टेस्ला के चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल किया गया है तथा यह बाजार में वर्तमान में मौजूद स्कैनरों की तुलना में तीन-चार गुणा तेजी से स्कैन करता है। कंपनी ने कहा कि देश में मौजूद एमआरआई स्कैनर भारी तथा महंगे हैं और साथ ही उनकी स्कैनिंग की गति भी कम है।

 

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हालांकि इस स्कैनर को अभी बाजार में नहीं उतारा गया है और इसलिए इसकी कीमत अभी तय नहीं की गयी है। बेंगलुरु के सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज को स्कैनर के विकास के लिए क्लीनिकल पार्टनर बनाया गया था और पहली मशीन वहीं लगायी गयी है। वहीं विकास के चरण में ही पिछले साल इस अनुसंधान को इंडो-यूस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम का पुरस्कार भी मिल चुका है।
 


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