Friday, February 25, 2022-3:17 PM
गैजेट डेस्क: यूक्रेन पर अब साइबर हमले किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट्स और बैंको को टारगेट किया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए यूक्रेन ने अब देश के अंडरग्राउंड हैकर्स की मदद मांगी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन अपने क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बचाने के लिए और रूस के खिलाफ साइबर स्पाइंग मिशन को लेकर हैकर्स की मदद मांग रहा है।
एक सिक्योरिटी कंपनी के को-फाउंडर Yegor Aushev ने जानकारी देते हुए बताया है कि वालंटियर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। इनमें से एक हिस्सा डिफेंसिव साइबर यूनिट होगा जबकि दूसरा हिस्सा ऑफेंसिव होगा। डिफेंसिव यूनिट पावर प्लांट और वॉटर सिस्टम जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को डिफेंड करने का काम करेगा।
वर्ष 2015 में जब यूक्रेन पर साइबर अटैक हुआ था तो ऐसे में सवा दो लाख लोगों की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी। इसी लिए ऑफेंसिव वालंटियर यूनिट यूक्रेन मिलिट्री के डिजिटल ऑपरेशन पर काम करेगा और रूस को टारगेट करेगा।
आपको बता दें कि हाल ही में यूक्रेन के सैकड़ों कंप्यूटर में एक खतरनाक मैलवेयर मिला है। यूक्रेन Wiper मैलवेयर को लेकर रूस को जिम्मेदार ठहरा रहा है। Wiper मैलवेयर के जरिए किसी भी सिस्टम में स्टोर डेटा को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है और इसे रिकवर कर पाना भी संभव नहीं है। इसके जरिए अब यूक्रेन पर साइबर हमला किया जा रहा है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि Wiper मैलवेयर क्या है और ये पीसी पर कैसे अटैक करता है।
Wiper मैलवेयर का इस्तेमाल पैसे चुराने या सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए नहीं किया जाता। इसका मकसद सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर देना है। इस वजह से युद्ध के समय Wiper का इस्तेमाल हो रहा है। इसके जरिए सबूत मिटाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका इस्तेमाल रूस कर रहा है जबकि वो इन आरोपों का खंडन कर रहा है।
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