मरीज की बेहतर स्कैनिंग करने में अब मदद करेगी NVIDIA's AI

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Tuesday, November 28, 2017-1:01 PM

जालंधर : डीप लर्निंग तकनीक की मदद से रेडियोलॉजिस्ट इमेज के द्वारा मरीज के शरीर की जांच करते हैं। यह तकनीक शरीर के आंतरिक भागों को तो दिखा देती है लेकिन समस्या को समझने में डॉक्टर को काफी दिक्कत होती है। इसी बात पर ध्यान देते हुए NVIDIA और इंटैल के साथ साझेदारी कर अमरीकी हैल्थकेयर कम्मनी GE ने अब स्कैनर्स में AI यानी आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस को देने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक कम्पनी 500,000 मैडिकल डिवाइसिस को NVIDIA AI तकनीक से अपडेट करने वाली है। इसके अलावा कम्पनी के रेवोल्यूशन CT स्कैन में भी इस तकनीक को शामिल किया जाएगा। AI की मदद से बेहतर क्लीनिकल रिपोर्ट्स पैदा होंगी जो डॉक्टर को बीमारी के लक्षण को आसानी से समझने में काफी मदद करेंगी। 


ब्लड फ्लो डिटैक्शन
AI तकनीक को GE अल्ट्रासाउंड स्मार्ट इमेज डिवाइसिस में भी उपयोग करेगी। यह तकनीक बेहतर इमेज को शो करते हुए बिल्कुल स्टीक जानकारी देगी इसके अलावा इनमें लगा NVIDIA's GPU नाड़ियों में चल रहे ब्लड फ्लो को भी डिटैक्ट करेगा और 2D की बजाए 4D में बेहतर तस्वीर को शो करेगा जिससे डॉक्टर को और भी गहराई से बीमारी को संमझने में मदद मिलेगी। 


क्लीनिकल डाइग्नोस करने में होगी आसानी
इस बेहतर इमेजिंग तकनीक को अडवांन्सड MRI और CT स्कैन में शामिल करने के बाद क्लीनिकल डाइग्नोस करने में और भी आसानी होगी। फिलहाल इसके निर्माताओं का कहना है कि इसका उपयोग करने के लिए प्रत्येक अस्पताल में 50,000 टेराबाइट का डाटा स्टोर करने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन इसमें से सिर्फ 3 प्रतिशत डाटा ही उपयोग में लाया जाएगा। 


जरूरत पड़ने पर मिल सकेंगी रिपोर्ट्स
AI का उपयोग करने से मरीजो की रिपोर्ट्स को सेव रखा जाएगा व जरूरत पड़ने पर इन्हें आसानी से दोबारा से डिवैल्प किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक GE हैल्थकेयर इस तकनीक को बेहतर बनाने के लिए एक नए ऐनलैटिक प्लैटफार्म को भी डिवैल्प करने में लगी हुई है। इसके अलावा इंटेल द्वारा बनाए गए क्जीन स्केलेब्ल प्लैटफार्म के जरिए तस्वीरों को रेडियोलोजिस्ट तक कम समय में पहुंचाया जा सकेगा।  कम्पनी ने बताया है कि AI से बेहतर रिजल्ट्स पैदा होंगे। लेकिन इस तकनीक का उपयोग करने के लिए कुछ महीनों व कुछ वर्षों की ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी। 


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