Wednesday, January 17, 2018-1:25 PM
जालंधर : UK चिल्ड्रन कमिश्नर ने पेरैंट्स से अपील करते हुए कहा है कि वे बच्चों को स्नैपचैट का उपयोग करने से रोकें क्योंकि यह एप काफी एडिक्टिव है यानी यह बच्चे को नशे की लत की तरह ही लगती है इसीलिए इसे बैन कर देना चाहिए। बच्चों और युवाओं पर नीति बनाने की सलाह देने वाले इंगलैंड के चिल्ड्रन कमिश्नर ऐनी लोंगफील्ड ने कहा है कि बच्चे स्नैपचैट एप का उपयोग लोगों से जुडने के लिए कर रहे हैं, लेकिन इससे बच्चों पर काफी प्रैशर व नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
दोस्तों के साथ जुड़े रहने को मजबूर करती है स्नैपचैट
ऐनी लोंगफील्ड ने बताया है कि इस एप में ऐसे कई फीचर्स दिए गए हैं जो आपको दोस्तों के साथ जुड़े रहने को मजबूर करते हैं। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा है कि यह एप नशे की तरह बच्चों को लग रही है क्योंकि यह लगातार तीन दिनों तक दोस्तों को मैसेज भेजने व जुड़े रहने के लिए प्रेरित करती है।
सोशल मीडिया का बच्चों पर पड़ रहा बुरा प्रभाव
चिल्ड्रन कमिश्नर ने रिपोर्ट में बताया है कि सोशल मीडिया का बच्चों पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। लाइक्स के चक्कर में बच्चे फेसबुक, ट्विटर व स्नैपचैट जैसी एप्स का उपयोग करते हैं और इससे उन पर दबाव पड़ता है।
10 वर्ष का बच्चा भी कर रहा सोशल मीडिया का उपयोग
लोंगफील्ड ने बताया है कि सोशल मीडिया पर साइन अप करने के लिए आयु 13 वर्ष से ऊपर होनी अनिवार्य है लेकिन इसके रूल्स को सख्ती से लागू नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 10 से 12 वर्ष के बच्चों का भी सोशल मीडिया पर अकाऊंट है और वे स्नैपचैट, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं।