Thursday, August 4, 2016-1:28 PM
जालंधरः कभी वह बचपन भी था जब बच्चे गुल्ली डंडा, लुकाछिपी, खो-खो, कंचे आदि खूब खेला करते थे। फिर जमाना आया वीडियो गेम का तो गली-मोहल्लों में खुली वीडियो गेम की दुकानों पर बच्चे समय बिताने लगे। कुछ समय और गुजरा तो पहले कम्प्यूटर व लैपटॉप का जमाना आया लेकिन तेजी से बदलते दौर के बीच इन दिनों बच्चे तो बच्चे युवाओं में भी स्मार्टफोन के साथ खेली जाने वाली सबसे चर्चित पोकेमॉन गो गेम का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। हाल यह है कि स्मार्टफोन के जमाने में जो इस गेम के बारे में नहीं जानता उसे आऊट डैटेड माना जाता है। आज सोशल मीडिया पर हर कोई इस गेम के बारे में बात कर रहा है। यहां तक कि यूरोपीय देशों में तो पुलिस अपराधी के छिपे होने के स्थान की तलाशी में भी इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है।
क्या है पोकेमॉन गो गेम
ये एक ऑगमेंटेड रियलिटी गेम है, जिसे स्मार्टफोन के जी.पी.एस., कैमरा और इंटरनैट कनैक्शन की मदद से खेला जाता है। फोन को कहीं पर प्वाइंट करने पर पोकेमॉन फोन में इतराते, इठलाते अपने पीछे दौड़ाते हैं जिसे पकडऩे के लिए होड़ लग जाती है। इस गेम में यूजर को स्क्रीन पर रियल की जगह वर्चुअल पोकेमॉन दिखने लगते हैं। आप जैसे-जैसे जगह बदलेंगे स्क्रीन भी आगे पीछे होती जाती है। पोकेमॉन दिखने पर बॉल को पोकेमॉन पर निशाना साध उछालना होता है। यदि निशाना सटीक रहा तो पोकेमॉन आपका हुआ।
लोग हो रहे हैं अजीबो-गरीब घटनाओं के शिकार
हाल ही में जापान, आस्ट्रेलिया, अमरीका व यूरोपीय देशों में लांच किया गया यह चर्चित गेम इन्हीं देशों के लिए प्ले स्टोर और आई ट्यून पर उपलब्ध है। स्मार्टफोन में स्टाल करने के बाद इस गेम को खेलने का क्रेज इतना बढ़ गया है कि इस गेम को खेलते-खेलते कई लोग अजीबो-गरीब घटनाओं के शिकार भी होने लगे हैं। हैरानी वाली बात है कि कई देशों ने इस गेम को बंद करने की मांग की है वहीं अपने देश का बचपन ही नहीं बल्कि युवा वर्ग भी बुरी तरह इसकी चपेट में आने लगा है।
लोगों में पोकेमॉन गो के बढ़ते क्रेज के बाद अब पुलिस ने सोशल मीडिया पर लोगों से सड़क पर व वाहन चलाते समय गेम नहीं खेलने की अपील की है। पोकेमॉन खेलते समय ख्याल रखें कि आपके आसपास कोई खतरा तो नहीं है। वहीं लोकेशन शेयर करते समय चेतावनी पर ध्यान देने की भी अपील की है। यही नहीं इससे किसी अजनबी को आपकी लोकेशन भी मिल सकती है।