Sunday, August 28, 2016-3:34 PM
जालंधर : किसी आकाश गंगा का आकार इतना बड़ा नहीं है कि सभी तारे इसमें समा जाएं। वैज्ञानिकों ने हाल ही में कोमा क्लस्टर में एक ऐसी गैलेक्सी (ड्रैगन फ्लाई 44) की खोज की है जिसमें 99.99 प्रतिशत डार्क मैटर है। इस गैलेक्सी का वेग हमारी आकाश गंगा जितना ही है लेकिन इस गैलेक्सी में तारों की संख्या बेहद कम है। शोधकर्त्ताओं के मुताबिक उन तारों में से कुछ बहुत तेज गतिविधि कर रहे थे और कुछ बिल्कुल धीरे। अगर इनको डार्क मैटर जैसी कोई गुरुत्व शक्ति न रोक कर रखती तो यह तारे स्वतंत्रता रूप से घुमते।
ड्रैगन फ्लाई 44 में कई सवाल हैं जिनके अभी सवाल ढूंढे जाने बाकी हैं। रोबरटो इब्राहम और उनकी टीम का कहना है कि सबसे बड़ा सवाल यह बनता है कि गैलेक्सी के आकार के हिसाब से इतने बड़े आकार में डार्क मैटर कैसे बना। इसका जवाब तो अभी नहीं मिला है लेकिन शोधकर्त्ताओं का कहना है कि ऐसी कोई गैलेक्सी अगर हमें कम दूरी पर मिले तो ऐसी बातों का पता लगाया जा सकता है।