Friday, September 8, 2017-10:10 PM
जालंधर : कैंसर पीड़ितों की संख्या दुनिया भर में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। कैंसर ग्रस्त रोगी इसका इलाज करवाने के बाद कई वर्षों तक इस बीमारी को लेकर रैगुलर चैकअप करवाता है ताकि इसे दोबारा होने से रोका जा सके। इसी बात पर ध्यान देते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्स्स के शोधकर्ताओं ने पैन जैसी दिखने वाली एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो ऑपरेशन के दौरान कैंसर को निकालते समय महज 10 सैकेंडो में बता देगी कि कैंसर युक्त टिश्यू शरीर में बचा है या नहीं। शोधकर्ताओं ने इस डिवाइस को MasSpec Pen नाम दिया है जो ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को डैमेज टिश्यू का तो पता लगाने में मदद करेगा ही साथ ही यह कैंसर वाली जगह के आस पास के एरिए में भी डैमेज टिश्यू को सर्च करेगा जिससे एक बार में ही रोगी को सही इलाज मिल सकेगा।
टिश्यू को 256 सैम्पल्स के साथ मैच करेगी यह डिवाइस :
यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्स्स ने दावा करते हुए कहा है कि उनके द्वारा बनाया गया नया MasSpec Pen बहुत ही कम समय में सटीक जानकारी देगा। यह पैन टिश्यू को स्कैन कर इसमें मौजूद सॉफ्टवेयर में दिए गए 256 सैम्पल्स के साथ उसे मैच करेगा और हैल्दी व डैमेज टिश्यू को कम्पेयर करेगा। जिससे सर्जरी के दौरान ब्रैस्ट, लंग और थायरायड में कैंसर टिश्यू के बचे होने का पता चल सकेगा।
रोगी के शरीर को नहीं होगा किसी भी तरह का नुक्सान :
यह डिवाइस रोगी के शरीर को किसी भी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचाएगी क्योंकि यह शरीर के साथ टच ही नहीं होगी। इस पैन को टिश्यू वाली जगह के उपर रखने पर यूजर को इसके साथ लगे फुट पैडल को पैर से प्रैस करना होगा जिससे यह पैन टिश्यू पर पानी की एक बूंद डालेगा और टिश्यू में मौजूद मोलीक्यूल्स पानी की इस बूंद में आ जाएंगे। इसके तुरंत बाद यह पानी डिवाइस के पीछे की और लगे मास स्पैक्ट्रम में चला जाएगा जो हजारों मोलीक्यूल्स को डिटैक्ट कर कैंसर है या नहीं इसका पता लगा लेगा जिसके बाद इसके साथ लगाई गई डिस्प्ले पर टिश्यू नॉर्मल है या कैंसर युक्त है शो हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में केवल 10 सैकिंड ही लगेंगे और इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि शरीर में कैंसर बचा है या नहीं।
96 प्रतिशत तक मिलेंगे सही रिजल्ट्स :
इस पैन से कैंसर को डिटैक्ट करने लिए कई टैस्ट किए गए हैं जिनमें इस तकनीक ने 96 प्रतिशत तक सही व सटीक जानकारी दी है। यूनिवर्सिटी में टीम को लीड कर रही असिस्टेंस प्रोफैसर लिविया शियाविनाटो एबरलीन ने कहा है कि सर्जरी करने के बाद पेशंट से जब बात की जाए तो सबसे पहले वह यही पूछता है कि कैंसर पूरी तरह से बाहर निकल गया है। सर्जरी के दौरान इस डिवाइस से अब टिश्यू पूरी तरह से रिमूव करना सम्भव होगा। उन्होंने बताया है कि MasSpec Pen टिश्यू को स्कैन करने में मदद करता है वहीं कैमिकल प्रोसैस मोलिक्यूल इनफोर्मेशन को चैक करता है।
इस प्रोजैक्ट को लेकर बेलोर कॉलेज ऑफ मैडिसिन के एंड्रोक्राइन सर्जरी के हैड जेम्स सलीबुरक ने कहा है कि इस तकनीक के आने से हम कम समय में सुरक्षित इलाज कर सकते हैं और यही हम चाहते थे। यह तकनीक हमें डैमेज टिश्यू को पूरी तरह से रिमूव करने में मदद करेगी। इस डिवाइस की निर्माता टीम ने इसको लेकर अभी पेटेंट फाइल किया है। जानकारी के मुताबिक इस तकनीक की टैस्टिंग 2018 में होने वाली ऑनक्लोजिक सर्जरी के दौरान शुरू की जाएगी।