लीबिया में हो रहा है इन गलत कार्यों के लिए फेसबुक और वॉट्सऐप का यूज

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Sunday, April 10, 2016-5:13 PM

जालंधर - सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और वॉट्सऐप का प्रयोग लीबिया में AK -47 और भारी मशीनगनों की बिक्री के लिए किया जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार माहिर कंसल्टेंसी कंपनी, आर्मामेंट रिसर्च सरविसिस (ARES) द्वारा इकठ्ठे किए गए आंकड़ों पर आधारित और जिनेवा स्थित स्माल आर्म्स सर्वे द्वारा तैयार की गई एक रिपोट में कहा गया है कि इस खतरनाक काम की शुरुआत मुअम्मर गद्दाफी के जाने के बाद हुई था। गद्दाफी ने लीबीया पर 40 सालों से भी ज्यादा समय तक राज किया था। गद्दाफी ने हथियारों के व्यापार पर काबू तो किया, परन्तु साल 2011 में उसके पतन के बाद सरकारी हथियारों की लूट को काले बाजार तक पहुंचा दिया गया।

ए.आर.ई.ऐस. के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 18 सालों के दौरान छोटे हथियारों की बिक्री की जा रही था, पर अब लेटेस्ट हथियारों की बिक्री भी चरम पर है। ए.आर.ई.ऐस. के डायरेक्टर एन.आर. जैजैन -जोंस ने कहा है कि सभी हथियारों को सोशल वेबसाइट्स पर पर्सनल और ओपन ग्रुप में बिना कीमत बताए बेचा जा रहा है। 

'न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक, उसने सीरिया, इराक और यमन में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हथियारों की बिक्री देखी है। अखबार के मुताबिक, हथियारों को आनलाइन बेचने का कारोबार उन इलाकों में ज्यादा देखा जा रहा है, जहां आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISISI) की मजबूत पकड़ है। लीबीया में सोशल मीडिया पर एक जहाज प्रणाली की कीमत 62 हजार डालर बताई गई है। 


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