डीजल कारों पर प्रतिबंध से भारत के प्रति ‘विश्वास’ को ठेस : टोयोटा

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Monday, May 16, 2016-1:19 PM

जालंधर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल वाहनों की बिक्री को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच जापानी कंपनी टोयोटा ने कहा है कि इससे ‘भारत के प्रति उसके विश्वास’ को ठेस लगी है और उसे इसके चलते अपनी स्थानीय इकाई की योजनाओं को फिर से तय करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।   

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के उपाध्यक्ष शेखर विश्वनाथन ने यहां सप्ताहांत पर कहा, ‘‘मध्य दिसंबर में उच्चतम न्यायालय द्वारा बड़ी डीजल कारों और एसयूवी पर लगाए गए प्रतिबंध से भारत के प्रति टोयोटा के विश्वास को बड़ा आघात लगा है और इसको लेकर जारी अनिश्चितता से इसमें बढौतरी ही हो रही है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर में हमारा काम है कि हम उस विश्वास को फिर बहाल करें।’’  

उन्होंने कहा कि ‘विश्वास का तंतु टूट चुका है’। अब किसी नए उत्पाद को पेश करना या ताजा निवेश करने की प्रतिबद्धता दिखाना बहुत मुश्किल हो गया है। यह तब है जब कंपनी अपने सभी वाहनों का निर्माण पहले दिन से देश द्वारा स्थापित नियमों के तहत कर रही है।  

उन्होंने कहा कि यदि वे किसी नए उत्पाद की मंजूरी के लिए मुख्यालय जाते हैं तो वहां प्रश्न किया जाएगा कि उन्हें कैसे पता कि इस पर प्रतिबंध नहीं लगेगा? और इसका उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। इसलिए मेरा पहला काम यह देखना है कि प्रतिबंध हटे। इसके लिए यदि हमें कुछ अधिभार भी देना पड़े तो दे देंगे यदि हम नहीं मानते कि यह अधिभार उचित है।’  

पिछले साल 16 दिसंबर को न्यायालय ने 2,000 सीसी या उससे ज्यादा क्षमता कं इंजन वाली डीजल गाडिय़ों की दिल्ली में बिक्री पर रोक लगा दी थी जो 31 मार्च 2016 तक मान्य थी जिसे बाद में बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया गया और इस पर अभी भी इस पर अंतिम फैसला आना बाकी है। 


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