Tuesday, December 22, 2015-7:42 PM
जालंधर : कई सालों से साइंस फिक्शन मूवीज और हाॅलीवुड मूवीज में एक्स-रे ग्लासिस (चश्मा) को दिखाया गया है जिसकी मदद से चीजों के आर-पार देख सकते हैं। अब एक्स-रे चश्मा हकीकत में बना लिया गया है। न्यूयॉर्क के मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने यह कमाल करके दिखाया है।
एमआईटी ने तकनीकी प्रयोगशाला में यह चश्मा विकसित किया गया है जिसके साथ सॉफ्टवेयर भी बनाया गया है। यह इंसान के शारीरिक हावभाव को रेडियो सिग्नल्स में बदल कर शरीर के अंदर देखने की स्थिति बनाएगा। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह तकनीक परिवार वालों को सदस्यों के स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद करेगा।
ऐसे काम करेगा यह चश्मा
साॅफ्टवेयर रेडियो सिग्नलों को परिवर्तित कर चश्में की स्क्रीन पर दिखाएगा जिससे चलते-फिरते इंसान को भी स्कैन किया जा सकता है।
इसी कारण इस तकनीक को कानून व्यवस्था बनाए रखने और सैन्य क्षमताएं बढ़ाने में भी मददगार माना जा रहा है।
यह पूरी प्रक्रिया रियल टाइम होगी और इस डिवाइस के 2017 में 300 डॉलर (लगभग 19890 रुपए) की कीमत पर बाजार में आने की सम्भावना है।