Monday, May 23, 2016-12:59 PM
जालंधरः भारत को अगले साल स्वदेशी रूप के साथ बना एक सुपर कंप्यूटर मिल जाएगा। ऐसा सरकार के 4500 करोड़ रुपए के उस प्रोग्राम के अंतर्गत होगा जिस का उद्देश्य भारत को उन इलीट देशों के वर्ग में शामिल करना है जिन्होंने इस क्षेत्र में तरक्की की है।
विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय में मंत्री आशुतोष शर्मा ने कहा कि इस प्राजैक्ट को सैंटर फार डिवैल्लपमैंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग संभाल रहा है जिस ने भारत के पहले सुपर कंप्यूटर 'परम' का निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते साल मार्च में 'नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन' की योजना को मंज़ूरी दी थी। इस के अंतर्गत अगले 7 सालों में 80 सुपर कंप्यूटरों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ इम्पोर्ट् होंगे और बाकियों का निर्माण स्वदेशी रूप के साथ किया जाएगा।
शर्मा ने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं कि गर्मी को कैसे कंट्रोल किया जाए। इन सुपर कंप्यूटरों को चलाने का खर्चा ही करीब एक हज़ार करोड़ रुपए होगा। शर्मा ने कहा कि नए सुपर कंप्यूटरों को देश भर में अलग -अलग स्थाना में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि एक सुपर कंप्यूटर का प्रयोग अलग -अलग उद्देश्यों के लिए की जा सकती है जैसे जलवायु माडलिंग, मौसम अनुमान, दवाओं की खोज आदि। मौजूदा समय में विश्व की सुपर कम्प्यूटिंग मशीनों में से एक बड़ा हिस्सा अमरीका, जापान, चीन और यूरोपीय संघ के पास है।