Monday, September 23, 2019-11:42 AM
गैजेट डेस्क : दूरसंचार विभाग ने देश के प्रमुख स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को आने वाले दो महीनों में फोन का यूनिक कोड भारत सरकार के साथ साझा करने का निर्देश ज़ारी किया है। वहीं, विभाग के मुख्य अधिकारी ने डिवाइस यूनिक कोड के बारे में कहा है कि हम इस कदम से लोगों के डेटा को सुरक्षित रखना चाहते हैं। साथ ही, स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां भी विभाग के इस फैसले से सहमत हैं।
डिवाइस यूनिक कोड को समझिये
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्मार्टफोन का यूनिक कोड 15 अंकों का होता है। इस कोड को इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर भी कहा जाता है। वहीं, GSMA द्वारा फोन का यूनिक कोड तय करता है। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने हाल ही में सरकारी वेब पोर्टल की शुरुआत की थी। लोग इस पोर्टल की मदद से आसानी से चोरी या गुम हुए फोन को पा सकते हैं।
दूरसंचार विभाग फोन की हर गतिविधि पर फोन के यूनिक कोड के जरिए नजर रखेगा। यदि फोन के ज़रिये कोई गलत काम किया जाता है तोदूरसंचार विभाग डिवाइस को तुरंत ब्लॉक और ट्रेस कर सकता है। वर्तमान में विभाग के पास वर्तमान में अधिकांश स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के बारे में जानकारी है।
बता दें कि दूरसंचार विभाग सीईआईआर यानी आइडेंटिटी रजिस्टर पर लंबे समय से काम कर रहा है। इसके साथ ही, विभाग ने टेक कंपनियों को भी इसमें भाग लेने के लिए कहा है। उसी समय प्रोग्रामिंग के माध्यम से डिवाइस यूनिक कोड बनाया जाता है जिसके जानकारी साझा करने के लिए सभी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को निर्देश ज़ारी किया गया है।
Edited by:Harsh Pandey