Netflix, Amazon Prime Video जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लग सकती है सेंसरशिप

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Friday, October 18, 2019-3:38 PM

गैजेट डेस्क : एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने रायटर न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया कि भारत सरकार नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर संभावित सेंसरशिप पर विचार कर रही है। सरकार ने कई मामलों और शिकायतों को हाल के महीनों में दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ कंटेंट अश्लील था और कुछ में धार्मिक भावनाओं का अपमान किया गया था। बता दें कि फिल्म और टीवी सर्टिफिकेशन बॉडी भारत में पहले से ही को पब्लिक कंटेंट को मॉडरेट कर रहे हैं। हालांकि देश का कानून तेजी से लोकप्रिय हो रहे डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की सेंसरशिप की अनुमति नहीं देता है। 

सेंसरशिप मुद्दे पर आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बीच बातचीत शुरू 
 

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सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने कई मामलों और शिकायतों को हाल के महीनों में दर्ज किया है। हालांकि संभावित सेंसरशिप मुद्दे से उठी चिंताओं ने नेटफ्लिक्स और भारतीय डिजिटल प्लेटफॉर्म हॉटस्टार को जनवरी में सेल्फ-रेगुलेशन कोड पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित किया था लेकिन अमेजन ने इस पर साइन-अप नहीं किया और कहा कि "वर्तमान कानून पर्याप्त हैं"। सरकारी अधिकारी ने कहा, "सेल्फ-रेगुलेशन सभी के लिए समान नहीं है, जो एक चिंता का विषय है ... निर्देश स्पष्ट हैं, हमें यह देखना होगा कि समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए।" नेटफ्लिक्स की पहली भारतीय वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स को पिछले साल हिंसात्मक दृश्यों के चलते एक अदालत में केस की चुनौती का सामना करना पड़ा था लेकिन बाद में मामले को खारिज कर दिया गया।

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एक भारतीय राजनेता द्वारा पिछले महीने एक पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें नेटफ्लिक्स शो लीला पर हिंदु सम्प्रदाय को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह मामला आगे बढ़ेगा या नहीं। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता ने गुरुवार को इस केस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। इन सभी मामलों ने सरकार के भीतर चिंताओं को बढ़ा दिया है और ऐसे कंटेंट प्रसारित करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स  के लिए स्वीकार्य नियामक ढांचे के साथ आने के प्रयास में भारत के सूचना एवं प्रसारण और आईटी मंत्रालयों के बीच बातचीत का दौर शुरू हो चुका। हालांकि यह संभव है कि सरकार किसी भी विनियमन के खिलाफ फैसला करेगी लेकिन कई अन्य विकल्प तलाशे जा रहे हैं, सरकारी स्रोत ने कहा।


Edited by:Harsh Pandey

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