Friday, November 5, 2021-11:57 AM
गैजेट डैस्क: नए स्मार्टफोन को खरीदने के बारे में जब आप सोचते हैं तो आपके दोस्त या रिश्तेदार अक्सर आपको कुछ टिप्स देने लगते हैं, जिनमें अक्सर कहा जाता है कि जितना ज्यादा मेगापिक्सल का कैमरा होगा उतना ही यह बढ़िया होगा, ऑटो ब्राइटनेस करने पर स्मार्टफोन की बैटरी ज्यादा खर्च होती है आदि। ऐसी ही बातों को सच मान कर आप खुद भी बहुत से लोगों को यही टिप्स देते हैं। आज हम आपको 5 ऐसी अफवाहों के बारे में बताएंगे जिन्हें आप भी सच ही मानते हैं।
स्मार्टफोन के कैमरे से जुड़ी अफवाह
आपने बहुत से लोगों या फिर दुकान वालों के मुंह से सुना होगा कि फलाने फोन का कैमरा शानदार है क्योंकि इसमें 10, 20 या 47 मेगापिक्सल का कैमरा मिलता है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि फोटो की क्वालिटी सिर्फ कैमरे के मेगापिक्सल पर ही निर्भर नहीं करती है। बेहतर फोटो के लिए मेगापिक्सल के साथ-साथ अपर्चर जैसी चीजें भी जरूरी होती हैं।
बैटरी चार्जिंग को लेकर किए जाते हैं झूठे दावे
- इन दावों में कहा जाता है कि जब बैटरी पूरी तरह से खत्म हो जाए तभी उसे चार्ज करना चाहिए जबकि आप 10 या 20 प्रतिशत बैटरी रहने पर भी इसे चार्ज करेंगे तो यह आपके फोन के लिए अच्छा ही रहेगा।
- लोग सोचते हैं कि ज्यादा mAh की बैटरी अच्छी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। बैटरी बैकअप फोन में दी जा रही बैटरी की क्वालिटी, डिस्प्ले के साइज़ और एप्स के उपयोग पर निर्भर करता है।
ऑटो ब्राइटनेस को लेकर किया जाता है यह झूठा दावा
स्मार्टफोन की ब्राइटनेस को लेकर बहुत से लोग यह दावा करते हैं कि अगर आप डिस्प्ले को ऑटो ब्राइटनेस पर सैट करेंगे तो इससे बैटरी अधिक खर्च होगी, जबकि यह गलत है। ऑटो ब्राइटनेस का मतलब है कि जब आप धूप में होंगे तो डिस्प्ले की ब्राइटनेस अपने आप तेज हो जाएगी। इसे आपकी सहुलियत के लिए ही लाया गया है और इसे ऑन करने पर भी बैटरी बैकअप में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।
Edited by:Hitesh