Thursday, June 20, 2019-7:20 PM
- बच्चों को प्रोटैक्ट करने में नाकाम रही कम्पनी
गैजेट डैस्क : बच्चों की प्राइवेसी को लेकर यूट्यूब की समस्या समय के साथ-साथ घटने की बजाए बढ़ती दिखाई दे रही हैं। 13 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की प्राइवेसी की चिंता करते हुए अमरीकी संघीय सरकार ने यूट्यूब की जांच शुरू की है। इस दौरान अमरीकी संघीय सरकार का कहना है कि यूट्यूब अपनी डाटा कलैक्शन प्रैक्टिसिस के जरिए बच्चों को प्रोटैक्ट करने में असफल रही है जिस वजह से अब यूट्यूब की जांच की जा रही है।
जांच शुरू करने की सबसे बड़ी वजह
द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की प्राइवेसी को लेकर कंज्यूमर ग्रुप्स और प्राइवेसी एडवोकेट्स ने शिकायतें की हैं जिसके बाद अब इस जांच को शुरू किया गया है। इसके पीछे एक और बात है कि पिछले कुछ महीनों से ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें कहा गया है कि यूट्यूब का ऑटोप्ले और रिकमेंडेशन फीचर बच्चों की वीडियोज़ दिखा रहा है।

सामने आई जरूरी जानकारी
नीति निर्माताओं में से एक सेन एडवर्ड मार्के ने प्रैस रिलीज में बताया है "यूट्यूब बच्चों को लेकर दिखाई जाने वाली वीडियोज़ का इलाज नहीं कर रही है। कंपनी ने अभी तक अपने सबसे कम उम्र के उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं। "

समस्या का हल खोज रही यूट्यूब और गूगल
यूट्यूब और गूगल एग्जिक्यूटिव्स जिनमें दोनों कम्पनियों के CEOs (सुसान वोज्स्की और सुंदर पिचाई) भी शामिल हैं ने तेजी से बढ़ रही समस्या का हल खोजने की कोशिशे की हैं। यूट्यूब और गूगल के सी-ई-ओ- ने कहा है कि इस समस्या को सुलझाने के लिए दोनों कम्पनियां जी जान से लगी हुई हैं।
- फिलहाल कम्पनी ने फरबरी के महीने में दिखाई जाने वाली सबसे ज्यादा बच्चों की वीडियोज़ का अब तक जवाब नहीं दिया है। लेकिन इतना जरूर पता लगा है कि बिना किसी भी अडल्ट के साथ होने पर दिखाई जाने वाली बच्चों की लाइवस्ट्रीमिंग वीडियो पर रोक लगाई जाएंगी।

ऐसी समस्याओं को भी सुलझाने की जरूरत
यूट्यूब की मेन एप सुसाइड और पोर्नोग्राफी से जुड़ी कई वीडियोज़ को दिखाती हैं वहीं कारटून्स में भी सही भाषा का उपयोग नहीं हो रहा है। यूट्यूब को इन मुद्दों पर भी ध्यान देने की सख्त जरूरत है।
Edited by:Hitesh