यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट करेगा Huawei की जांच, ट्रेड सीक्रेट्स चुराने का मामला

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Friday, January 18, 2019-3:55 PM

गैजेट डेस्कः चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Huawei और अमेरिकी सरकार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। पिछले वर्ष दिसंबर में Huawei की चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मेंग वानझोउ की कनाडा के वैंकूवर में हुई गिरफ्तारी के बाद चीन और अमेरिका के बीच विवाद और भी बढ़ गया। जानकारी के लिए बता दें कि मेंग वानझाउ को Huawei की सब्सिडियरी कंपनी स्काईकॉम का बिजनेस ईरान में शुरू करने के चलते गिरफ्तार किया गया था। अमेरिका Huawei को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता आया है और उसने ईरान पर प्रतिबंधों को लेकर उसे कई बार आगाह भी किया था। अमेरिका और चीन के बीच जो ट्रेड वॉर चल रहा है, इसे भी Huawei पर की जा रही कार्रवाई की एक वजह बताया जा रहा है।

PunjabKesariफिलहाल, मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट Huawei पर ट्रेड सीक्रेट्स चुराने के आरोप में क्रिमिनल केस चला जा रहा है। चीनी कंपनी Huawei पर आरोप है कि उसके इम्प्लॉई न सिर्फ एक रोबोट के बारे में जानकारी चुरा रहे हैं, बल्कि वे टेस्ट में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों के बारे में भी सारी जानकारी ले रहे हैं। यह मामला 2014 का है जब T-Mobile फोन का प्रोडक्शन करने के लिए Huawei को भुगतान कर रहा था। इस दौरान जैसा कि आरोप है, Huawei के स्टाफ ने T-Mobile के रोबोट Tappy का यूज क्वालिटी कंट्रोल टेस्ट के लिए किया। इसी से संबंधित जानकारी चुराने के मामले को लेकर अब चीनी कंपनी पर जांच चलेगी। 

PunjabKesariजून, 2017 में सिएटल, वॉशिंगटन में T-Mobile के पक्ष में एक रूलिंग आई, जिसमें Huawei को कॉन्ट्रैक्ट के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया और उस पर 4.8 मिलियन डॉलर (34,16,40,000 रुपए) का जुर्माना लगाया। कंपनी ने इस मुकदमे का सामना किया, पर बाद में यह स्वीकार किया कि उसके इम्प्लॉइज ने इस मामले में सही तरीके से काम नहीं किया। बहरहाल, इस मामले में अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट इन्वेस्टिगेशन कर रहा है और अब यह एडवांस स्टेज पर पहुंच गया है। इस मामले में कंपनी को जल्द ही दोषी ठहराया जा सकता है।

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Edited by:Jeevan

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