Saturday, April 14, 2018-7:09 PM
जालंधर- फ्रांस में आधिकारिक रूप से हायपरलूप के परिक्षण करने वाले ट्रैक के कंस्ट्रक्शन का काम शुरु हो गया है। इस ट्रैक कि लंबाई 320 मीटर होगी और इसका निर्माण कार्य इसी वर्ष पूरा कर लिया जाएगा। दावों के अनुसार इस टेक्नोलॉजी के जरिए 1,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार संभव होगी। बता दें कि हायपरलूप का यह आइडिया सबसे पहले वर्ष 2013 में टेस्ला और स्पेस-एक्स के फाउंडर एलन मस्क द्वारा सामने लाया गया था। इसके बाद कई कंपनियों ने इस टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू किया है।
हाइपरलूप तकनीक
हाइपरलूप ट्रेन चुंबकीय शक्ति पर आधारित तकनीक है। जिसके अंतर्गत खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है। इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है।
पहले भी हो चुकी है टेस्टिंग
वर्ष 2017 में हायपरलूप वन ने अपने 500-मीटर लंबे ट्रैक पर इसकी टेस्टिंग की और उन्होंने 386 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड दर्ज की थी। इसके अलावा अन्य कंपनी जैसे हायपरलूप वन भी इस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की टेस्टिंग कर चुकी हैं।
बता दें कि आनेवाले समय में हायपरलूप भारत में भी दस्तक देने वाला है। इसके लिए हायपरलूप टीटी नाम की कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार से एक एमओयू भी साइन किया है।