Thursday, April 19, 2018-5:16 PM
जालंधर- अाज के समय में साइंस ने काफी उन्नति कर ली है और वैज्ञानिकों ने कई एेसे अविष्कार किए हैं जिनसे हमारे रोजमर्रा के जीवन को काफी अासान बना दिया है। वहीं ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने एक ऐसा एंजाइम विकसित किया है, जो प्लास्टिक की रासायनिक संरचना को तोड़कर उसे उसके बुनियादी स्वरूप में बदल देता है। इससे जहां वैज्ञानिकों को प्लास्टिक रिसाइकिल करने में मदद मिलेगी वहीं इस प्रक्रिया से प्लास्टिक को बार-बार उसके बुनियादी स्वरूप में बदला जा सकता है। इससे प्लास्टिक कचरे में कमी आएगी और प्लास्टिक का इस्तेमाल बार-बार किया जा सकेगा।
पेटेज एंजाइम
विकसित किए गए इस नए एंजाइम का नाम पेटेज है और इस एंजाइम का परीक्षण जापान के एक रिसाइकिलिंग प्लांट में किया गया है। पेटेज सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली पॉलीइथाइलीन टेरेफेथैलेट (पीईटी) नामक प्लास्टिक की रासायनिक बनावट को तोड़ने में सक्षम है। शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किए गए पेटेज से इसे भी बुनियादी रासायनिक संरचना में तब्दील किया जा सकेगा, जिनका इस्तेमाल किसी भी टिकाऊ और उपयोगी प्लास्टिक उत्पाद बनाने में किया जा सकेगा।
इसके अलावा शोधकर्ताओं का कहना है कि जब पीईटी से बनी प्लास्टिक बोतलों को एकत्र किया जाता है तो उन्हें वापस प्लास्टिक बोतलों में रिसाइकिल नहीं किया जा सकता। वहीं मौजूदा समय में प्लास्टिक की जो रिसाइकिलिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है, उसमें प्लास्टिक बोतलों को निम्न क्वालिटी के पदार्थ और उत्पाद में रिसाइकिल किया जाता है जिसमें कार्पेट और अन्य उत्पाद शामिल हैं।
बता दें कि वर्जिन ग्रेड पीईटी कच्चे तेल से प्राप्त होता है और इसका इस्तेमाल प्लास्टिक बोतलें बनाने में होता है लेकिन आरपीईटी को किसी बड़े व टिकाऊ उत्पाद बनाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता और एक समय के बाद यह अनुपयोगी हो जाता है। एेसे में माना जा रहा है कि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई इस नई तकनीक से प्लास्टिक के कचरे हो रिसाइकल किया जा सकता है।