टैकटाइल फिल्म्स एडवरटाइजिंग का फ्यूचर?

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Friday, May 11, 2018-3:10 PM

जालंधर- जब से सिनेमा की शुरुआत हुई है, तभी से वीडियो द्वारा ऑडियंस को ब्रैंड्स और कॉन्सेप्ट्स बेचे जा रहे हैं। मोशन पिक्चर्स में प्रोडक्ट प्लेसमेंट 100 से अधिक वर्षों से चलता आ रहा है। बेशक, फिल्मों में आज ब्रैंड्स को पहले से कई ज़्यादा प्रमोट किया जा रहा है। कंज़्यूमर जहां भी जाते हैं वहां ब्रैंड्स से घिर जाते हैं, खासतौर पर डिजिटल वर्ल्ड में।  

 

मार्केटिंग तेज़ी से डिजिटल होती जा रही है और हर ऑनलाइन यूज़र का एक्सपीरियंस एडवर्टीज़मेंट्स से भरा पड़ा है। वीडियो एडवर्टीज़मेंट्स मार्केटिंग का सबसे पॉवरफुल तरीका है और किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में वीडियो एडवर्टीज़मेंट का सबसे ज्यादा क्लिक-थ्रू रेट है। लेकिन अब, वीडियो ऐड्स टचेबल और इंटरेक्टिव होकर एक कदम आगे बढ़ने जा रहीं हैं, जो पूरी एडवर्टीज़मेंट में देखी गई आइटम्स पर प्रोडक्ट की पूरी जानकारी देती हैं, बस आपको उंगली से स्क्रीन पर टच या क्लिक करना होगा।

 

फिल्में वीडियो एडवरटाइज़िंग का पहला रूप थी, क्या अगला कदम यह हो सकता है कि हमारी फिल्में ई-कॉमर्स ब्रैंड्स के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस बन जाएंगी? Quantified Commerce के को-फाउंडर Ryan Andreas का कहना है, “इसकी निश्चित रूप से संभावना है।” Quantified Commerce, एक वर्टिकली इंटीग्रेटेड इंडियन कंपनी है जो ब्यूटी और वैलनेस सेक्टर में डिजिटली नेटिव ब्रैंड्स बनाती है और सिर्फ वीडियो कॉन्टेंट के जरिए विज्ञापन करती है।

 

आइए वीडियो एडवरटाइज़िंग के इतिहास पर एक नज़र डालें। 1878 में जिस दिन पहली फिल्म बनाई गई थी, (एक दौड़ने वाले घोड़े की 16 सेकेंड्स की क्लिप) उस दिन से लोगों के मनोरंजन का तरीका हमेशा के लिए बदल गया। जहां भी आपके पास ऑडियंस है, आपके पास पोटेंशियल कंज़्यूमर बेस है। इसके बाद ज़्यादा समय नहीं लगा और कंपनियों को एहसास हुआ कि इस नए मोशन-पिक्चर फॉरमेट में एडवरटाइज़ करना स्मार्ट आइडिया था। 1919 की फिल्म द गैरेज, जिसमें बस्टर कीटन और रोस्को अर्बकल ने अभिनय किया था, दुनिया में प्रोडक्ट प्लेसमेंट का पहला उदाहरण हो सकता है। एक दृश्य के दौरान, आप लाल क्राउन गैसोलीन का साइन बोर्ड साफ देख सकते हैं। तब से, फिल्मों में प्रोडक्ट प्लेसमेंट एक बहुत ही आम बात हो चुकी है।
 


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