Saturday, November 2, 2019-1:14 PM
गैजेट डैस्क: पिछले दिनों इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) को लेकर टैलिकॉम सैक्टर में काफी उथल-पुथल देखने को मिली है। आपको बता दें कि जियो ने रिंग टाइम को 20 सैकेंड तक सीमित कर दिया था। जिसके बाद दूसरी कंपनियों ने भी अपने रिंग टाइम को घटा दिया। अब ट्राई ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी ऑपरेटरों के लिए 30 सैकेंड के रिंग टाइम को तय कर दिया है।
- आपको बता दें कि इसकी शुरुआत तब हुई जब एयरटैल ने जियो पर 20 सैकेंड का रिंग टाइम लगाकर ज्यादा आईयूसी कमाने का आरोप लगाया था। इस दौरान वोडाफोन ने ट्राई को सुझाव देते हुए रिंग टाइम को 30 सेकंड रखने की बात कही थी।
ट्राई ने दी प्रेस रिलीज में जानकारी
ट्राई ने लेटैस्ट प्रेस रिलीज जारी किया है जिसके मुताबिक सभी टैलिकॉम ऑपरेटर्स को 30 सैकेंड का रिंग टाइम देना होगा और यह इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों कॉल्स के लिए लागू होगा। ट्राई का कहना है कि कॉल का जवाब मिले या न मिले, लेकिन फिर भी फोन रिंग होने का ड्यूरेशन 30 सैकेंड होना चाहिए।

कई दिनों तक चला यह विवाद
कई महीने पहले शुरू हुए जियो और एयरटैल के विवाद के बाद ट्राई को आखिरकार यह फैसला लेना पड़ा है। आपको बता दें कि एयरटैल शुरू से ही अपने नैटवर्क पर 45 सैकेंड का रिंग टाइम देती आ रही है। एयरटैल का मानना है कि 45 सैकेंड किसी भी कॉल का जवाब देने के लिए पर्याप्त हैं।
आईयूसी चार्ज कमाने का था लालच
आपको बता दें कि अलग-अलग रिंग टाइम होने के कारण बहुत सी कॉल्स न चाहते हुए भी मिस्ड कॉल्स में बदल जाती थीं। जिसके बाद मिस्ड कॉल होने पर कॉल बैक करने पर उस नेटवर्क को आईयूसी चार्ज देना पड़ता था। इसी लिए जियो ने अपने रिंग टाइम को 20 सैकेंड कर दिया था। ताकि उसके नेटवर्क पर ज्यादा से ज्यादा कॉल बैक आएं और उसे अधिक आईयूसी चार्ज से फायदा मिले।
Edited by:Hitesh