दुनिया की पहली थर्मल बैटरी, 6 गुणा ज्यादा एनर्जी स्टोर करने की क्षमता

  • दुनिया की पहली थर्मल बैटरी, 6 गुणा ज्यादा एनर्जी स्टोर करने की क्षमता
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Thursday, April 4, 2019-4:55 PM

- 20 वर्षों तक लगातार काम करने का दावा

गैजेट डैस्क : दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की स्टार्टअप कम्पनी द्वारा दुनिया की पहली थर्मल बैटरी को तैयार किया गया है। कम्पनी का दावा है कि यह 20 वर्षों तक लगातार काम करेगी और इसमें लीथियम आयन बैटरी के मुकाबले 6 गुणा ज्यादा एनर्जी स्टोर की जा सकेगी। इस TED (थर्मल एनर्जी डिवाइस) को ऑस्ट्रेलिया की क्लाइमेट चेंज टैक्नोलॉजीस (CCT एनर्जी स्टोरेज) द्वारा बनाया गया है। आपको बता दें कि TED एक मॉड्यूलर एनर्जी स्टोरेज यूनिट है जो सोलर, विंड, ईंधन व ग्रिड से पैदा हो रही बिजली को स्टोर करता है। 

प्लग एंड प्ले कैपेबिलिटी

इस बैटरी को प्लग एंड प्ले कैपेबिलिटी से लैस किया गया है जिससे एक के साथ दूसरी बैटरी को आसानी से अटैच किया जा सकता है। इनमें से हर एक TED एनर्जी स्टोरेज यूनिट 48 घंटों का बैकअप दे सकता है। 

बरकरार रहेगी स्टोरेज क्षमता

आपको बता दें कि लीथियम आयन बैटरी में समय के साथ-साथ क्षमता को लेकर कमी आनी शुरू हो जाती है यानी अगर इन्हें 5000 बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जाए तो इनकी क्षमता 80 प्रतिशत तक कम हो जाती है। वहीं इस नई तकनीक पर बनी TED बैटरी की क्षमता 3000 बार चार्ज और डिस्चार्ज होने पर भी बरकरार रहेगी। 

100 प्रतिशत रीसाइकिलेबल

क्लाइमेट चेंज टैक्नोलॉजीस के CEO सर्ग बोंडारेंको (Serge Bondarenko) ने बताया है कि 20 वर्षों तक लगातर काम करने वाली इस बैटरी को 100 प्रतिशत रीसाइक्लेबल (recyclable) बनाया गया है और इससे पर्यावरणीय को किसी भी तरह का नुक्सान नहीं होगा। 

अर्थक्वेक प्रूफ 

नई तकनीक को अर्थक्वेक प्रूफ बनाया गया है, वैसे तो भूकम्प आने पर इस पर किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन अत्यधिक तीव्र भूकम्प होने पर अगर आप इसे बंद कर देंगे और ठंडी होने के बाद दोबारा चलाएंगे तो यह बिल्कुल सही से काम करेगी। इसे काफी सुरक्षित बताया गया है।

पहली डील हुई साइन

TED डिवाइसिस को लेकर CCT कम्पनी ने सबसे पहले स्टिलमार्क टैलीकम्यूनिकेशन्स (Stillmark Telecommunications) कम्पनी के साथ डील साइन की है। वहीं MIBA ग्रुप के साथ मैन्यूफैक्चरिंग एग्रीमैंट भी किया है जिससे कम्पनी अपनी नई टैक्नोलॉजी को डैनमार्क, स्वीडन और नीदरलैंड तक पहुंचा सकेगी। 

  • इसे रिन्यूएब्ल एनर्जी सैक्टर के लिए एक बहुत ही बड़ी खबर कहा जा सकता है। आपको बता दें कि विंड, सोलर और अन्य रीन्यूऐबल एनर्जी टैक्नोलॉजीस काफी मात्रा में पावर पैदा करती हैं। जिसका फायदा अब यह टैक्नोलॉजी उठाएगी और दोपहर में अधिक गर्मी होने पर सोलर पैनल से पैदा हुई एनर्जी को यह स्टोर करेगी। वहीं अगले दिन सूरज न निकलने पर भी 24 घंटों तक बैकअप देगी। 

क्या इलैक्ट्रिक व्हीकल्स को भी फायदा पहुंचाएगी यह तकनीक?

कम्पनी के CEO सर्ग बोंडारेंको को यह पूछे जाने पर कि क्या इस नई टैक्नोलॉजी का इलैक्ट्रिक व्हीकल्स को भी फायदा होगा तो इस पर उन्होंने बताया कि यह आकार में काफी बड़ी है, लेकिन इनसे इलैक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज जरूर किया जा सकता है। यह तकनीक काफी सस्ती पड़ेगी और हाई कपैसिटी इलैक्ट्रिसिटी को स्टोर करने में मदद करेगी वहीं इसे पूरी तरह से रीसाइकिलेबल बनाया गया है यानी आने वाले समय में यह टैक्नोलॉजी भविष्य को स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाएगी।
 


Edited by:Hitesh

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