Tuesday, December 26, 2017-10:15 PM
जालंधर- सौर मंडल की उत्पत्ति को लेकर अभी तक कई खोजे हो चुकी है जिसमें आम तौर पर यह कहा जाता है कि किसी तारे के भयंकर विस्फोट से अरबों वर्ष पहले हमारा सौर मंडल बना है। वहीं अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि एक विशालकाय लंबे समय से मृत तारे के आसपास हवा के बुलबुले बनने से हमारा सौर मंडल बना है।
अमरीका में शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस डॉफास ने कहा, ‘‘ऐसे बुलबुले का खोल तारों को पैदा करने के लिए सही स्थान है क्योंकि धूल और गैस इसके अंदर फंस जाते हैं जहां वे तारों में बदल सकते हैं।’’
वहीं इस नए अध्ययन के मुताबिक, सौरमंडल का जन्म वॉल्फ रायेट स्टार नाम के एक विशालकाय तारे से शुरु होता है जो सूर्य के आकार से 40 से 50 गुना अधिक बड़ा है। जैसे ही वॉल्फ रायेट तारे का आकार फैलता है तो इसके चारों ओर से गुजरने वाली तारकीय हवा एक गहरे खोल के साथ बुलबुले बनाती है।