Friday, June 22, 2018-9:38 AM
जालंधर : ब्रिटिश आर्मी युद्ध मैदान में सैनिकों की मदद के लिए रोबोट्स को लाने की तैयारी में जुटी है। ये रोबोट्स युद्ध के दौरान जीवित रहने के लिए भोजन, ईंधन, गोला बारूद और दवा को समय पर पहुंचाने के लिए तैयार किए गए हैं। जिससे जोखिम को कम करते हुए युद्ध मैदान में सैनिकों की जरूरत को पूरा किया जा सके।
ब्रिटिश आर्मी के एक ग्रुप 1 आर्म्ड इन्फैंट्री ब्रिगेड ने चार सप्ताह तक चलने वाले रोबोट टैस्ट्स को शुरू किया है। इस प्रक्रिया का नाम "2018 ऑटोनोमस वारियर आर्मी वार फाइटिंग एक्सपैरिमेंट फील्ड एक्सरसाइज़" रखा गया है। इसमें ऑटोनोमस हवाई व जमीनी वाहनों के प्रोटोटाइप को बना कर उनकी क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है।
सैनिकों के जोखिम को कम करेंगे रोबोट्स
युद्ध के दौरान सैनिकों तक सामान को पहुंचाने में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है व जान जाने का जोखिम तो रहता ही है। इसी लिए ब्रिटेन मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस सामान की आपूर्ति करने वाले सैनिकों को रोबोट्स और ऑटोनोमस सिस्टम (RAS) के साथ बदलने के लिए काफी उत्सुक है।
एक साथ काम में जुटी 50 इंडस्ट्रियल फर्म्स
इस ऑटोनोमस वारियर एक्सरसाइज को ज्वाइंट एफर्ट कहा जा रहा है और इस पर रॉयल नेवी, रॉयल एयर फोर्स, US आर्मी, ब्रिटेन मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस व डिफेन्स साइंस एंड टैक्नोलॉजी लेबोरेटरी एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कुल मिलाकर 50 इंडस्ट्रियल फर्म्स इस पर काम कर रही हैं।
सीनियर ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर व जनरल स्टाफ के आगामी चीफ जनरल मार्क कार्लेटन-स्मिथ ने कहा है कि ऑटोनोमस, वारियर तकनीक की मदद से आर्मी को ज्यादा सुरक्षा मिलेगी। ब्रिटेन की रक्षा और उद्योग को नए सुझाव देने के लिए सरकार ने डिफैंस इनोवेशन फंड से 1 बिलीयन डॉलर इस पर खर्च किए हैं।
खतरे को कम करेंगे रोबोट्स
ब्रिटिश डिफैंस मनिसटर मार्क लंकास्टर ने कहा है कि यह तकनीक हमारी आर्म्ड फोर्सिस की सीमा को बढ़ाने का काम करेगी और इससे युद्ध मैदान में खतरे को भी कम किया जा सकेगा। ऑटोनोमस वारियर एक्सरसाइज़ को एक ऐसे विजन के रूप में देखा जा रहा है जिससे ड्रोन्स व मानव रहित वाहनों से फोर्स को बेहतर किया जा सकेगा।
Edited by:Hitesh