Monday, December 25, 2017-4:02 PM
जालंधर : रेलवे को किसी भी देश की परिवहन प्रणाली का सबसे सस्ता व बेहतरीन स्रोत माना जाता है। रेलवे से पैदा होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दुनिया की पहली 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा पर काम करने वाली ट्रेन शुरू की गई है। इसे ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य न्यू साऊथ वेल्स में शुरू किया गया है। इस जगह पर इससे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ट्रेन चलाई जाती थी जिसे बंद कर दिया गया था। इस इलाके में तीन किलोमीटर के रास्ते को एक बार फिर दोबारा से सही कर इस हैरीटेज ट्रेन को शुरू किया गया है। इस ट्रेन की छत पर फ्लैक्सीबल सोलर पैनल्स लगे हैं जो सौर ऊर्जा से पावर को पैदा कर बैटरियों में स्टोर करते हैं जिससे ट्रेन में लगी 220 kW की मोटर को पावर मिलती है और वह रफ्तार पकड़ती है।
एक साथ 100 यात्री कर सकते हैं सफर
इस सोलर पावर्ड ट्रेन को खास तौर पर लोकल और पर्यटकों को बेहतर व सस्ती सार्वजनिक परिवहन सुविधा देने के लिए शुरू किया गया है। इसमें 100 सीटें लगाई गई हैं। इसके अलावा सामान और यहां तक कि बाइक को रखने के लिए भी इसमें अलग से रूम बनाया गया है। सफर करने के लिए इसमें 18 वर्ष से बड़ों को 3 डॉलर, 13 वर्ष से छोटों को 2 डॉलर व 5 साल से छोटे बच्चों को कोई शुल्क देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ट्रेन को पावर देगी 77 kWh की बैटरी
इसकी छत पर लगाए गए सोलर पैनल्स से पैदा हो रही बिजली 77 kWh के बैटरी पैक्स में स्टोर होगी। इस बैटरी पैक को टैस्ला मॉडल एस में लगाए गए बैटरी पैक जितनी क्षमता का ही बनाया गया है जो एक बार फुल चार्ज हो कर 12 से 15 बार सफर तय करने में मदद करेंगे।
रीजैनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम
इस सोलर पावर्ड ट्रेन में रीजैनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम दिया गया है जो ब्रेक लगाने पर पैदा हो रही बिजली को बैटरी में स्टोर करेगा जिससे इसे ज्यादा समय तक चलाया जा सकेगा। इसकी निर्माता कम्पनी बायरन बे रेल रोड ने जानकारी देते हुए बताया है कि इससे 25 प्रतिशत तक और बिजली पैदा होकर स्टोर की जा सकेगी। इसके अलावा इस ट्रेन में लगी लाइट्स, कन्ट्रोल सिस्टम और एयर कम्प्रैशर सभी इस बैटरी पर ही काम करेंगे।
इस कारण बनाई गई पहली सोलर पावर्ड ट्रेन
वर्ष 2013 में बायरन बे रेल रोड ने इस जगह पहला नया यार्ड बनाया था। उस समय कम्पनी ने बताया था कि इस जगह एक हैरीटेज ट्रेन को शुरू किया जाएगा। पहले डीजल इंजन वाली ट्रेन को शुरू करने की योजना बनाई गई लेकिन इस जगह को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए यहां पहली फुली सोलर पावर्ड ट्रेन को शुरू किया गया है। वैसे कम्पनी ने इसमें एक डीजल इंजन भी लगाया है जो बैलेंस बनाने के साथ बैकअप के तौर पर उपयोग में लाया जाएगा। फिलहाल कम्पनी इस ट्रेन को हफ्ते के कुछ दिन ही चलाएगी। ट्रेन की पूरी सर्विस को जनवरी के महीने से शुरू करने की जानकारी दी गई है।